Description
Dharti Ka Nyay
by Kushagra Rajendra and Vineeta Parmar
कुशाग्र राजेन्द्र
भारत-नेपाल सीमा के पास चम्पारण
के गाँव भतनाहिया में जन्मे; मोतिहारी के जिला स्कूल और मुंशी सिंह महाविद्यालय से कॉलेज तक की शिक्षा, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पर्यावरण विज्ञान में मास्टर, एम. फिल. और पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की है। अकादमिक उत्कृष्टता पदक, भारत के राष्ट्रपति का प्रतिष्ठित स्वर्ण पदक जैसे सम्मान इन्हें मिले हैं। पर्यावरण और सतत विकास जैसे बहु-विषयक क्षेत्र में संस्थागत नेतृत्व, क्षमता निर्माण, शिक्षण, अनुसन्धान और प्रकाशन में डेढ़ दशक से अधिक का समृद्ध अनुभव।
पर्यावरण के जमीनी और क्षेत्रीय अध्ययन के सिलसिले में कच्छ, विन्ध्य, दक्कन, मध्य भारत, और छोटा नागपुर का पठार, हिमालय के निचले क्षेत्र सहित ब्रह्मपुत्र घाटी, गंगा के मैदान, गण्डकी नदी आदि क्षेत्रों के अकादमिक सर्वेक्षण का अनुभव।
वर्तमान में एमिटी यूनिवर्सिटी हरियाणा में पृथ्वी और पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रमुख हैं और शिक्षण तथा अनुसन्धान के साथ-साथ पर्यावरण एवं सतत विकास के विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर आम जन के लिए लेखन में सक्रिय हैं।
चम्पारण के छौड़ादानो में जन्मीं विनीता परमार पन्द्रह वर्षों से अधिक समय से पर्यावरण संरक्षण, पर्यावरणीय शिक्षा और महिला विषयक मुख्यधारा के लेखन से जुड़ी हुई हैं। स्कूली शिक्षा छौड़ादानो फिर इन्दिरा गांधी बालिका विद्यालय, हजारीबाग से हुई। गंगा जल गुणवत्ता सूचकांक पर पी-एच.डी. (मगध विश्वविद्यालय) और महिला वैज्ञानिक योजना (खरपतवार विज्ञान एवं अनुसन्धान निदेशालय, जबलपुर) के तहत ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक उत्थान और खरपतवार नाशकों का पानी की गुणवत्ता पर प्रभाव का सूचकांक विकसित किया और पर्यावरण एवं अर्थशास्त्र के अपने अनुभवों को योजना आयोग (वर्तमान नीति आयोग) में (यंग प्रोफेशनल के रूप में) क्रियान्वित किया। डॉ. विनीता परमार पर्यावरण विज्ञान के साथ-साथ शिक्षा, अर्थशास्त्र और रसायन विज्ञान विषयों में स्नातकोत्तर हैं।
चर्चित पुस्तक ‘बाघ विरासत और सरोकार’ के अलावा ‘तलछट की बेटियाँ’ (कहानी संग्रह), ‘गर्दन हिलाती मछलियाँ’, ‘दूब से मरहम’ (कविता संकलन) तथा ‘धप्पा’ (संस्मरण संग्रह) प्रकाशित । वर्तमान में केन्द्रीय विद्यालय में विज्ञान शिक्षिका के रूप में कार्यरत, साथ ही लेखन में सक्रिय।
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