Setu-bandhan (Collected Work) By Sulochana Verma
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सेतु-बन्धन (बांग्ला से अनूदित कविताएँ)
चयन, सम्पादन और अनुवाद सुलोचना वर्मा
पुस्तक में इनकी कविताएँ हैं-
तसलीमा नसरीन, महादेव साहा पूर्णेन्दु पत्री, अल महमूद निर्मलेन्दु गून, बुद्धदेव बसु जाहिद अहमद, रवीन्द्रनाथ टैगोर शक्ति चट्टोपाध्याय, क्राती नजरूल इस्लाम रूद्र मोहम्मद शहीदुल्लाह, सुनील गंगोपाध्याय शंख घोष, मलय रायचौधुरी फ़क़ीर लालन शाह, बिनोदिनी दासी जीवनानन्द दास, सुबोध सरकार पोलियार वाहिद, चंचल बशर महमूद नोमान, बिप्लव चौधुरी बेबी शॉ
‘सेतु बन्धन’ बांग्ला के 23 कवियों की 111 कविताओं का संकलन है। इन कवियों में बांग्ला के प्रख्यात से लेकर अल्पज्ञात कवि हैं। संग्रह में शामिल कवियों और उनकी कविताओं का ‘चयन अत्यन्त व्यक्तिगत’ है, जिसकी कसौटी सम्पादक की पसन्द है।
अनुवाद में भाषा के स्तर पर दो प्रविधियाँ अपनायी जाती हैं। अनुवादक की भाषा या तो मूल भाषा के निकट स्थिर रहती है या उस भाषा के निकट जिसमें अनुवाद हो रहा है। इन अनुवादों में भाषा और मुहावरे को मूल भाषा के निकट रखा गया है।
बकौल सम्पादक ‘इस संग्रह के लिए कवियों का
चयन भी बेहद लोकतान्त्रिक ढंग से हुआ है;
परिणामस्वरूप भारत के साथ-साथ बांग्लादेश के कई
कवियों की कविता भी इस संग्रह में शामिल है।’ इस
रूप में यह बांग्ला भाषा का प्रतिनिधि चयन है। साथ
ही इस संग्रह में कई लोकप्रिय और वरिष्ठ हैं, तो कई
ऐसे कवि भी हैं जो अपेक्षाकृत नये और अल्पज्ञात हैं।
संग्रह में 19वीं सदी के पूर्वार्द्ध से लेकर 21वीं सदी तक की कविताएँ सम्मिलित हैं। इसमें विषय, भाषा, काव्य सौन्दर्य की पर्याप्त विविधता के दर्शन होते हैं। आशा है यह चयन हिन्दीभाषी कविता-पाठकों द्वारा सराहा जाएगा।
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Description
Setu-bandhan (Collected Work)
Edited And Translated By Sulochana Verma
About the Author
सुलोचना वर्मा
जन्म : 3 अक्टूबर 1978, जलपाईगुड़ी, प. बंगाल ।
शिक्षा : कंप्यूटर अभियान्त्रिकी में स्नातकोत्तर डिप्लोमा। सम्प्रति : आईटी कम्पनी में निदेशक के पद पर कार्यरत ।
प्रकाशन : अँधेरे में जगमग (कहानी संग्रह), बचे
रहने का अभिनय (कविता संग्रह), नायिका (उपन्यास), सोनामणि (संजय भट्टाचार्य की बांग्ला कविताओं का हिन्दी अनुवाद) ।
सम्मान/पुरस्कार : 16वाँ शीला सिद्धान्तकर सम्मान (कविता संग्रह ‘बचे रहने का अभिनय’ के लिए)।
रचनाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित । नवभारत टाइम्स के ‘एकदा’ स्तम्भ के लिए लेखन।
बांग्ला के नये-पुराने 23 कवियों की शताधिक कविताओं के अनुवाद के अतिरिक्त असमिया (नवकान्त बरुआ) और अँग्रेजी (अमिय चटर्जी) की कई कविताओं का हिन्दी में अनुवाद।
पढ़ने-लिखने के अतिरिक्त छायाचित्रण व चित्रकारी में रुचि है तथा संगीत को जीवन का अभिन्न अंग मानती हैं।
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