-20.08%

Nainsukh : Samantar Cinema Ka Punaravalokan By Sushobhit

Original price was: ₹249.00.Current price is: ₹199.00.

नैनसुख

समान्तर सिनेमा का पुनरावलोकन  (लेखक:सुशोभित)


1970-80 के दशक में बनायी गयी समान्तर सिनेमा की पिक्चरें ‘कला फ़िल्में’ कहलाती थीं। नसीरुद्दीन शाह, स्मिता पाटिल, शबाना आजमी, ओम पुरी, फारूख शेख, पंकज कपूर, अनन्त नाग, गिरीश कर्नाड आदि के चेहरे नियमित रूप से उनमें नजर आते। उन फ़िल्मों ने दर्शकों की सामाजिक चेतना और कलात्मक रुचियों को जगाया था और फ़िल्म माध्यम से उनकी अपेक्षाओं को उठाया था। यह किताब भारत के उसी समान्तर सिनेमा आन्दोलन के प्रति अनुराग और अतीत-मोह का परिणाम है और उस भूले-बिसरे पैरेलल सिनेमा के प्रति आदरांजलि है। उसकी भावभीनी याद आज भी अनेक फ़िल्म-प्रेमियों के मन में बसी होगी, और यह किताब उसी याद को पुकारती है। किताब की एक विशिष्टता उसमें भारतीय कला- सिनेमा के शलाका-पुरुष मणि कौल की फ़िल्मों पर एकाग्र पूरा खण्ड है। मणि की 12 फ़िल्मों पर लिखी इन टिप्पणियों को उनके रूपवादी-सिनेमा पर एक सुदीर्घ- निबन्ध की तरह भी पढ़ा जा सकता है।


 

 

For Fastest Delivery Via Premium Courier Use the “Premium Courier” Button
20% Discount + Premium Courier Charges

(Premium Courier Options: Amazon Shipping/Bluedart/Delhivery)
Selected automatically depending on Pincode

In stock

SKU: Nainsukh : Samantar Cinema.. Paperback Category:

Description

Nainsukh : Samantar Cinema Ka Punaravalokan By Sushobhit

इस पुस्तक में सत्यजित रायः ऋत्विक घटक, मृणाल सेन; हृषिकेश मुखर्जी, मणि कौल; श्याम बेनेगल; गोविन्द निहलानी; सई परांजपे; शशि कपूर; गौतम श्रोष, केतन मेहता; गुलजार, मुजफ्फर अली; सुचित्रा सेन; उत्तम कुमार; नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी; शबाना आजमी; स्मिता पाटिल; दीप्ति नवल; फारूख शेख रजित कपूर; इरफान; मनोज बाजपेयी; सदाशिव अमरापुरकर; राजकुमार राव, मीता वशिष्ठः अरुण खोपकर, प्रदीप कृष्ण; चैतन्य तम्हाणे; गुरविन्दर सिंह; अमित दत्ता।


सुशोभित

13 अप्रैल 1982 को मध्यप्रदेश के झाबुआ में जन्म। शिक्षा-दीक्षा उज्जैन से। अँग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर । एक साल पत्रकारिता की भी अन्यमनस्क पढ़ाई की। भोपाल में निवास। कविता की 4 पुस्तकें ‘मैं बनूँगा गुलमोहर’, ‘मलयगिरि का प्रेत’, ‘दुख की दैनन्दिनी’ और ‘धूप का पंख’ प्रकाशित। गद्य की 16 पुस्तकें प्रकाशित, जिनमें लोकप्रिय फ़िल्म- गीतों पर ‘माया का मालकीस’, क्रिस्सों की किताब ‘माउथ ऑर्गन’, रम्य-रचनाओं का संकलन ‘सुनो बकुल’, महात्मा गांधी पर केन्द्रित ‘गांधी की सुन्दरता’, जनपदीय जीवन की कहानियों का संकलन ‘बायस्कोप’, अन्तः प्रक्रियाओं की पुस्तक ‘कल्पतरु’ विश्व साहित्य पर ‘दूसरी क़लम’, भोजनरत्ति पर ‘अपनी रामरसोई’, स्त्री-पुरुष सम्बन्धों पर ‘पवित्र पाप’, भ्रमणरति पर ‘बावरा बटोही’, विश्व-सिनेमा पर ‘देखने की तृष्णा’, लोकप्रिय विज्ञान पर’ आइंस्टाइन के कान’, फुटबॉल पर ‘मिडफील्ड’, सत्यजित राय के सिनेमा पर ‘अपूर्व संसार’, रजनीश पर ‘मेरे प्रिय आत्मन् ‘ और पशु-अधिकारों पर ‘मैं वीगन क्यों हूँ’ सम्मिलित हैं। यह 21वीं पुस्तक। स्पैनिश कवि फ़ेदरीको गार्सीया लोर्का के पत्रों की एक पुस्तक, चित्रकार सैयद हैदर रजा की आत्मकथा और अँग्रेजी के लोकप्रिय लेखक चेतन भगत के छह उपन्यासों का अनुवाद भी किया है। ‘सुनो बकुल’ के लिए वर्ष 2020 का स्पन्दन युवा पुरस्कार।


 

Additional information

Author

Sushobhit

Language

Hindi

Binding

Paperback

ISBN

978-93-6201-000-1

Pages

176

Publisher

Setu Prakashan Samuh

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Nainsukh : Samantar Cinema Ka Punaravalokan By Sushobhit”

You may also like…

0
YOUR CART
  • No products in the cart.