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SACH KE SIVAY by Virendra Sengar

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सच के सिवाय – वीरेंद्र सेंगर


इधर तमाम कहानियाँ आयी हैं। यही कि बाबा खुद अरबपति बन गये हैं। जबकि मामूली कपड़े की दुकान करते थे। परम भक्तों को ऐसी कहानियाँ डिगा नहीं पायीं। वे कहते हैं कि बाबा ने थोड़ी’ कृपा’ खुद ले ली, तो क्या गलत है? हो सकता है आज वे अरबपति बने हों, कल अपने भक्तों का भी खजाना भर दें। रिपोर्टर ने नया सवाल दागा, तो बूढ़े भक्त को गुस्सा आ गया। इसी बाबा की कवरेज दिखाकर लाखों कमाते हो। उसी के खिलाफ लोगों को भड़काते हो, ये कौन सी नैतिकता है? भक्तों के तेवर देखकर, रिपोर्टर ने चुप्पी साधना ही बेहतर समझा।
– इसी पुस्तक से


वीरेंद्र सेंगर के विषय विविध हैं। उन्होंने समाज की सभी दुखती रगों पर हाथ रखा है। वे केवल राजनीति तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने अनेक सामाजिक विषयों पर भी गहरे कटाक्ष किये हैं। छोटी से छोटी घटना ने भी उन्हें आकर्षित किया है। छोटी घटनाओं के माध्यम से वे बड़े प्रसंगों को उठाते दिखाई देते हैं। उनकी एक बड़ी विशेषता उनकी निर्भीकता है। लेकिन यह निर्भीकता बेलगाम नहीं है। वे संसदीय भाषा में ऐसे सवाल उठाते हैं जो संसदीय व्यवस्था की सीमाओं और वैधता पर बड़े गम्भीर प्रश्न उठा देते हैं। उनके प्रश्न कहीं प्रश्न होते हैं और कहीं प्रश्नों के उत्तर होते हैं। पाठक को यह समझना पड़ता है कि उनके सवाल एक प्रकार के उत्तर ही हैं। वे जान-बूझकर ऐसे सवाल उठाते हैं जो पाठक को एक सही निष्कर्ष की ओर ले जाते हैं।
– असगर वजाहत


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Description

SACH KE SIVAY (Satire) by Virendra Sengar


About the Author

वीरेंद्र सेंगर
जीवनयात्रा (7 नवम्बर 1955-26 मार्च 2025)
वीरेंद्र सेंगर ने चार दशक से ज्यादा विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में काम किया। आन्दोलनों को मुखर अभिव्यक्ति उन्होंने दी। मेरठ का चर्चित किसान आन्दोलन हो या हाशिमपुरा, मलियाना में अल्पसंख्यकों की हत्या का मामला हो, उन्होंने सत्ता प्रतिष्ठानों को कभी नहीं बख्शा। राजनीतिक रिपोर्टिंग में उन्होंने हमेशा सच कहा; ‘न काहू से दोस्ती-न काहू से बैर’ के अन्दाज में।

इस दौर में भुला दी गयी कटाक्ष की शैली को उन्होंने खूब सींचा। राजनीतिक और सामाजिक विसंगतियों पर वह पैनी नजर रखते थे, जिसकी गवाही यह पुस्तक देती है।


Additional information

Author

Virendra Sengar

Binding

Paperback

Language

Hindi

ISBN

978-93-6201-852-6

Pages

183

Publisher

Setu Prakashan Samuh

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