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SAMMUKH (Poems) by Rashmi Bhardwaj
About the Author
रश्मि भारद्वाज
मुजफ्फरपुर, बिहार में जन्म। अँग्रेजी साहित्य से एम.फिल.पी-एचडी। पत्रकारिता में डिप्लोमा।
कृतियाँ: एक अतिरिक्त अ, मैंने अपनी माँ को जन्म दिया है, घो घो रानी, कितना पानी, सम्मुख (कविता संग्रह); वह साल बयालीस था (उपन्यास); प्रेम के पहले बसन्त में (सम्पादित पुस्तक); मेरी यातना के अन्त में एक दरवाजा था-21वीं सदी की विश्व स्त्री कविता का अनुवाद एवं सम्पादन; आदिवासी नहीं नाचेंगे, रस्किन बॉन्ड की अँधेरे में चेहरा, एक घुमन्तु लड़की की डायरी (अनुवाद); रजा फाउण्डेशन के लिए एशियाई कवियों की कविताओं का अनुवाद; इसके अतिरिक्त कई सम्पादित एवं अनुदित पुस्तकें प्रकाशित ।
पुरस्कार/सम्मान : ज्ञानपीठ नवलेखन अनुशंसा
पुरस्कार-2016 द्वारा कविता-संग्रह’ एक अतिरिक्त अ’ प्रकाशित, शिवना अन्तरराष्ट्रीय कविता पुरस्कार, सूरज प्रकाश मारवाह साहित्य रत्न सम्मान, पाखी पत्रिका द्वारा शब्द साधक कविता सम्मान, गाथान्तर सम्मान, साहित्य जागृति युवा लेखिका सम्मान।
कृति बहुमत मासिक पत्रिका के वातायन कॉलम के अन्तर्गत विश्व स्त्री कविता का अनुवाद जारी।
मुक्तांगन कविता कोष काव्य पाठ सीरीज का संचालन-
संयोजन।
राजस्थान पत्रिका में आधी आबादी कॉलम के तहत स्त्री विमर्श पर लेखन।
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