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SAMMUKH (Poems) by Rashmi Bhardwaj

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सम्मुख – रश्मि भारद्वाज

सम्मुख रश्मि भारद्वाज का चौथा कविता संग्रह है। आकांक्षा और आकांक्ष्य के द्वन्द्व से यथार्थ की जो जमीन दरकती है, उन्हीं दरकनों में स्वप्नों के नये पीपल उग आते हैं। पीपल पूज्य है, परन्तु उन दरारों, दरकनों में उपजे पीपल की कोई जरूरत नहीं समाज को। ऐसे ही समाज की नयी स्थिति में बनी या विकसित हुई स्त्री या उसका व्यक्तित्व लोक लुभावना तो हो सकता है, परन्तु उसे समाज अधिकांशतः धकियाता ही है अपनी सीमाओं से। इसीलिए कवयित्री रश्मि भारद्वाज ‘उस अँधेरे की बात करना चाहती’ हैं, ‘जिसे किसी रोशनी की प्रतीक्षा नहीं होती/ माँ के गर्भ सा निस्सीम अन्धकार/आत्मा को पोषित करता है।’ अर्थात् उसका व्यक्तित्व तमाम विरोधों, विकट स्थितियों में विकसित होने की क्षमता रखता है।
इन कविताओं को पढ़ते हुए पाठकों का सामना उस दुनिया से होता है, जो स्त्री जीवन का भोगा यथार्थ है। इस भोगे यथार्थ में उसका शरीर भी है और वह समाज, उसकी रीति-नीति भी। परन्तु इससे भी बड़ी चीज है उसका वह व्यक्तित्व जो इन दोनों के समानान्तर विकसित होता। खुद उसका अपना शरीर भी उसके व्यक्तित्व के विरुद्ध दीख सकता है। स्त्री व्यक्तित्व की सच्चाई या उसका निर्माण इन कविताओं की छौंक नहीं, उसका अविभाज्य आस्वाद है। इसीलिए इस व्यक्तित्व के सामने ‘महानता के सब रंग उतर आए हैं।’
इन कविताओं में रचने वाली स्त्री, भोगने वाली स्त्री से न सिर्फ पृथक् है अपितु उससे एक निरपेक्ष दूरी भी बरत सकी है। इससे कविता की धार, उसका सौन्दर्य और व्यंग्यार्थ ज्यादा मुखर हो सका है।
– अमिताभ राय


 

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SAMMUKH (Poems) by Rashmi Bhardwaj

About the Author

रश्मि भारद्वाज

मुजफ्फरपुर, बिहार में जन्म। अँग्रेजी साहित्य से एम.फिल.पी-एचडी। पत्रकारिता में डिप्लोमा।
कृतियाँ: एक अतिरिक्त अ, मैंने अपनी माँ को जन्म दिया है, घो घो रानी, कितना पानी, सम्मुख (कविता संग्रह); वह साल बयालीस था (उपन्यास); प्रेम के पहले बसन्त में (सम्पादित पुस्तक); मेरी यातना के अन्त में एक दरवाजा था-21वीं सदी की विश्व स्त्री कविता का अनुवाद एवं सम्पादन; आदिवासी नहीं नाचेंगे, रस्किन बॉन्ड की अँधेरे में चेहरा, एक घुमन्तु लड़की की डायरी (अनुवाद); रजा फाउण्डेशन के लिए एशियाई कवियों की कविताओं का अनुवाद; इसके अतिरिक्त कई सम्पादित एवं अनुदित पुस्तकें प्रकाशित ।
पुरस्कार/सम्मान : ज्ञानपीठ नवलेखन अनुशंसा
पुरस्कार-2016 द्वारा कविता-संग्रह’ एक अतिरिक्त अ’ प्रकाशित, शिवना अन्तरराष्ट्रीय कविता पुरस्कार, सूरज प्रकाश मारवाह साहित्य रत्न सम्मान, पाखी पत्रिका द्वारा शब्द साधक कविता सम्मान, गाथान्तर सम्मान, साहित्य जागृति युवा लेखिका सम्मान।
कृति बहुमत मासिक पत्रिका के वातायन कॉलम के अन्तर्गत विश्व स्त्री कविता का अनुवाद जारी।
मुक्तांगन कविता कोष काव्य पाठ सीरीज का संचालन-
संयोजन।
राजस्थान पत्रिका में आधी आबादी कॉलम के तहत स्त्री विमर्श पर लेखन।


 

Additional information

Author

Rashmi Bhardwaj

Binding

Paperback

Language

Hindi

ISBN

978-93-6201-100-8

Pages

120

Publication date

01-02-2025

Publisher

Setu Prakashan Samuh

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