Johar Jharkhand Aadiwasi Janjeevan Ki Kahaniyan (A Collection Of Short Stories) By Rakesh Kumar Singh
About the Author :-
राकेश कुमार सिंह
जन्म : 20 फरवरी 1960, पलामू (झारखण्ड) के गुरहा गाँव में।
शिक्षा: स्नातकोत्तर रसायन विज्ञान (पी-एच.डी.) एवं विधि स्नातक ।
कृतियाँ: ‘हाँका तथा अन्य कहानियाँ’, ‘ओह पलामू…! “जोड़ा हारिल की रूपकथा’, ‘महुआ माँदल और अँधेरा’, ‘कहानी खत्म नहीं होती’, ‘तमस कोहरा और…!’ ‘रूपनगर की रूपकथा’ (कथा संग्रह), ‘पठार पर कोहरा’, ‘जहाँ खिले हैं रक्तपलाश’, ‘जो इतिहास में नहीं है’, ‘साधो, यह मुद्दों का गाँव’, ‘हुल पहाड़िया’, ‘महाअरण्य में गिद्ध’, ‘ऑपरेशन महिषासुर’, ‘मिशन होलोकॉस्ट’, ‘ठहरिए…! आगे जंगल है’, ‘खोई हुई कड़ियाँ’, ‘महासमर की सांझ’ (उपन्यास), ‘केशरीगढ़ की काली रात’, ‘वैरागी वन के प्रेत’, ‘नीलगढ़ी का खजाना’ (किशोर उपन्यास), ‘कहानियाँ ज्ञान की विज्ञान की’, ‘आदिपर्व’, ‘उलगुलान’, ‘अग्निपुरुष’, ‘अरण्य कथाएँ’, ‘अवशेष कथा’ (बालोपयोगी पुस्तकें)
सम्मान : झारखण्ड का प्रतिष्ठित राधाकृष्ण सम्मान (2004),
‘पाखी’ पत्रिका का शब्द साधक जनप्रिय सम्मान (2015), आनन्द सागर स्मृति कथाक्रम सम्मान (2016), कथाक्रम कहानी प्रतियोगिता (2001 तथा 2002) में प्रथम पुरस्कार, कथाबिम्ब कहानी प्रतियोगिता (2002) में प्रथम तथा कमलेश्वर स्मृति कथा सम्मान (2008) में प्रथम पुरस्कार। कहानी ‘ठहरिए आगे जंगल है’ पर दूरदर्शन द्वारा इसी नाम से टेलीफिल्म निर्मित-प्रदर्शित। कई कहानियाँ ओड़िया, पंजाबी तथा अँग्रेजी में अनूदित ।
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