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PIRAUD (Story Collection) by Udayan Vajpeyi

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पिराउद – उदयन वाजपेयी


‘पिराउद’ उदयन वाजपेयी का अनोखा संग्रह है। इसमें सात कहानियाँ और दो संस्मरण हैं। एक ही जिल्द में कहानियाँ और संस्मरण साथ प्रकाशित करना दो लगभग विपरीत या कम से कम अलग विधाओं को साथ रखने जैसा है। कहानियों के केन्द्र में कल्पना होती है, संस्मरणों के केन्द्र में स्मृति। कहानियाँ कल्पना का आश्रय लेती हैं, संस्मरण स्मृति का। दोनों ही विधाओं में अपनी-अपनी तरह से सत्य को छूने की आकांक्षा का वास होता है।
कहानी में कल्पना वह चुम्बकीय क्षेत्र है जिसकी ओर अनेक स्मृतियाँ खिंची चली आती हैं और इस’ आने’ में ये स्मृतियाँ अपना स्वरूप इस तरह बदल लेती हैं कि उन्हें कल्पना अपने अनुसार बिल्कुल नये रूप में बुन देती है या उन्हें विन्यस्त कर देती है। इस तरह कहानी में कल्पना के चुम्बकीय क्षेत्र के कारण लेखक या/और समाज की स्मृतियाँ अपना पुराना चोला छोड़कर न सिर्फ़ नया शरीर धारण कर लेती हैं बल्कि वे एक-दूसरे के साथ भी एक बिल्कुल ही नये बल्कि अप्रत्याशित विन्यास में आ खड़ी होती हैं। अब वे महज स्मृति न रह जाकर कल्पना के शहर की नागरिकता प्राप्त कर लेती हैं। इस तरह देखने पर हम शायद यह कह सकते हैं कि कहानी कल्पना के नगर में स्मृतियों के भटकाव की विधा है। शायद इसीलिए कहानी हमेशा ही वर्तमान में घटित है। उनके इसी भटकाव के फलस्वरूप कहानी में रस-निष्पत्ति होती है, उसमें किसी कोंपल की तरह अन्तर्दृष्टि फूटती है।
संस्मरण-लेखन की विशिष्टता इस बात में है कि उसमें स्मृतियों को इस तरह विन्यस्त किया जाता है कि उन्हें पढ़ते समय हमें यह महसूस हो कि यहाँ वर्णित सारी घटनाएँ भले ही अतीत में घटित हुई हों पर वे महज बीते हुए समय का दस्तावेज नहीं हैं। उनमें ऐसा कुछ जरूर है जो अतीत होते हुए भी व्यतीत नहीं हुआ है। संस्मरण इन बीते हुए पलों के उन हिस्सों को प्रकाश में लाता है जो बीतकर भी नहीं बीतते, जो गुज्जरकर भी हमारे सामने धड़कते रहते हैं।

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Description

PIRAUD (Story Collection)
by Udayan Vajpeyi


About the Author

उदयन वाजपेयी

कवि, कथाकार, उपन्यासकार, सम्पादक ।
कहानी-संग्रह-‘सुदेशना’, ‘दूर देश की गन्ध’, ‘सातवाँ बटन’, ‘रेत किनारे का घर’ (संकलित कहानियाँ); कविता-संग्रह ‘कुछ वाक्य’, ‘पागल गणितज्ञ की कविताएँ’, ‘केवल कुछ वाक्य’ ‘वह’ तथा ‘खुली आँख और अन्य कविताएँ’। ‘क़यास’ और ‘नाम है उसका पाखी’ उपन्यास तथा रचना-संचयन ‘दस्तकें’ के अलावा परधान चित्रकला पर ‘जनगढ़ क़लम’ सहित तीन निबन्ध संग्रह, फ़िल्मकार मणि कौल के साथ उनके संवाद की पुस्तक ‘अभेद आकाश’ सहित अनेक लेखकों, दार्शनिकों, नाट्यनिर्देशकों आदि के साथ संवाद पुस्तकाकार प्रकाशित । कुमार शहानी की रवीन्द्रनाथ टैगोर के उपन्यास पर आधारित फ़िल्म ‘चार अध्याय’ और ‘विरह भरयो घर आंगन कोने’ का संवाद लेखन। कृतियों के तमिल, बंगाली, मराठी, फ्रांसीसी, पोलिश, बुल्गारियाई, स्वीडिश, अँग्रेज़ी आदि पन्द्रह भाषाओं में अनुवाद। कृष्ण बलदेव वैद फैलोशिप, रज्जा फ़ाउण्डेशन पुरस्कार और स्पन्दन पुरस्कार से सम्मानित, नोन्त (फ्रांस) के उच्च अध्ययन केन्द्र में 2011 में फैलो। सभ्यता, साहित्य और कला की प्रमुख पत्रिका ‘समास’ के सम्पादक। भोपाल में आवास ।

Additional information

Author

Udayan Vajpeyi

Binding

Paperback

Language

Hindi

ISBN

978-93-6201-173-2

Pages

152

Publication date

01-02-2025

Publisher

Setu Prakashan Samuh

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