Description
STRI : MITHAK Aur YATHARTH by Neelima Pandey
About The Author
नीलिमा पाण्डेय लखनऊ विश्वविद्यालय से प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्त्व विषय में परास्नातक हैं। उनका शोध इतिहास के प्रागैतिहासिक काल पर है। इतिहास के साथ स्त्री विमर्श और लोक साहित्य में भी उनकी समान रुचि रही है। स्त्री विमर्श पर उनकी दो पुस्तकें ‘इतिहास में स्त्री अस्मिता की तलाश’ और ‘साइलेंस्ड वायसेज’ प्रकाशित हैं जो स्त्री विमर्श के अध्ययन में एक नयी कड़ी जोड़ती हैं। लोक साहित्य पर उनकी पुस्तक ‘आंचलिक लोकगीत: एक विश्लेषण’ लोक में उनकी अभिरुचि दर्शाती है जिसका विस्तार हमें उनके द्वारा किये गये बौद्ध साहित्य के अभिन्न अंग ‘थेरीगाथा’ के काव्यात्मक अनुवाद में देखने को मिलता है। ‘सफ़र में इतिहास’ जैसे महत्त्वपूर्ण आख्यान के अलावा उन्होंने अपने शहर लखनऊ को ‘लखनऊ शहर: कुछ देखा-कुछ सुना’ में कलमबद्ध किया है। ‘पश्चिम एशिया में सभ्यता का प्रारम्भ’ अध्यापकीय उत्तरदायित्व का निर्वहन करती विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम पर केन्द्रित पुस्तक है। उनके शोधपत्र इतिहास और साहित्य की प्रमुख पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। सम्प्रति वह लखनऊ के जयनारायण मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय में अध्यापनरत ।
Mukesh kumar –
“स्त्री : मिथक और यथार्थ” प्राचीन साहित्य में स्त्री की हाशिये पर ठहरी छवि और यथार्थ की गहरी पड़ताल है।
Gopi Kumar –
यह कृति मिथक, धर्म और तंत्र के गठजोड़ से बनी स्त्री की उपेक्षित छवि का विश्लेषण प्रस्तुत करती है।