Description
केन सारो-वीवा को 10 नवंबर, 1995 को इसलिए फाँसी पर लटका दिया गया क्योंकि उन्होंने अपने इलाके की जनता को बहुराष्ट्रीय तेल कंपनी ‘शेल’ के शोषण खिलाफ संगठित किया। अदालत में दिये गये उनके बयान का यह अंश गौर करने लायक है जिसमें उन्होंने कहा था कि “मी लॉर्ड, मैं उन लोगों में से नहीं हूँ जो ये दलील देते हुए कि सैनिक सरकारें तो दमनकारी होती ही हैं, अन्याय और उत्पीड़न का विरोध करने से अपने को बचाता रहूँ। कहीं भी सैनिक हुकूमत अकेले काम नहीं करती। उसे राजनीतिज्ञों, वकीलों, न्यायाधीशों, विद्वानों और व्यापारियों के एक गिरोह का समर्थन प्राप्त रहता है और यह गिरोह दावा करता है कि वह अपना कर्तव्य निभा रहा है। ये लोग पेशाब में तर-बतर पतलूनें पहने रहते हैं और धोने से डरते हैं। माई लॉर्ड, आज हम सभी कटघरे में खड़े हैं। हमने अपनी हरकतों से इस देश को दुर्दशा के कगार पर पहुँचा दिया है और इस देश के बच्चों का भविष्य तबाह कर दिया है।”
-इसी पुस्तक से
Patrakarita Ka Andha Yug By Anand Swaroop Verma Paperback
About the Author:
पेशे से लेखक-पत्रकार। 1966 से विभिन्न पत्रपत्रिकाओं में काम किया। 1970-74 से आकाशवाणी दिल्ली के हिंदी समाचार विभाग से संबद्ध रहे। 1970 से 1975 तक साप्ताहिक ‘दिनमान’ में नियमित लेखन किया। जनपक्षीय पत्रकारिता और वैकल्पिक मीडिया विकसित करने के उद्देश्य से 1980 में समकालीन तीसरी दुनिया का संपादन-प्रकाशन शुरू किया। 1974 में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के प्रथम जनतांत्रिक चुनाव की दैनिक ‘जनसत्ता’ में रिपोर्टिंग की। लगभग पाँच वर्षों तक ‘जनसत्ता’ में समाचार-विचार नाम से मीडिया पर एक साप्ताहिक कॉलम लिखा। 1990 के दशक के प्रारंभिक वर्षों में दिल्ली यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट (डीयूडब्ल्यूजे) के अध्यक्ष। अनेक महत्त्वपूर्ण पुस्तकों का संपादन व अनुवाद किया : आज का भारत (रजनी पामदत्त), भारत का स्वाधीनता संग्राम (ई.एम.एस. नंबूदिरिपाद), भारतीय जेलों में पाँच साल (मेरी टायलर), प्राचीन भारत में राजनीतिक हिंसा (उपिंदर सिंह), माओ त्सेतुङ का राजनीतिक दर्शन (मनोरंजन मोहंती), औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति (न्गगी वा ध्योंगों), तीसरी फसल (पी.साईनाथ), भारत में बंधुआ मजदूर (महाश्वेता देवी), तानाशाह की कैद में (केन सारो-वीवा), लाल पोस्ते के फूल (अ लाए), अमिल्कर कबरालः जीवन-संघर्ष और विचार, हिंसा (फेस्टस इयायी) आदि।


































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