Description
BHISHMA SAHANI Edited by Aneesh Ankur & Mamta Dhawan
About the Author
महेश आनन्द
जन्म 5 फरवरी 1946 को। उच्च शिक्षा दिल्ली वि.वि. से। दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्टस ऐण्ड कॉमर्स, दिल्ली वि. वि. में 40 वर्ष तक अध्यापन। ‘नटरंग’ में 24 वर्षों तक सम्पादन सहयोग। सचिव, एण्टन चेखव ड्रामा स्टूडियो (1986-88) सोवियत कल्चरल सेंटर, दिल्ली। कृतियाँ कहानी का रंगमंच (1997), जयशंकर प्रसाद रंगदृष्टि (1998), जयशंकर प्रसाद: रंगसुष्टि (1998), रंग दस्तावेज सौ साल (दो खण्ड, 2007), रंगमंच के सिद्धात (देवेन्द्र राज अंकुर के साथ संपादन, 2008), रेखा जैन (बाल नाटककार, निर्देशक, मोनोग्राफ 2010), हिन्दी रंगमंच एक दृश्य यात्रा (2019), दृश्य के साथ-साथ (2021), रंगसंवाद (2021)। पुरस्कार विशिष्ट कृति सम्मान, हिन्दी अकादमी, दिल्ली (1988-89); सिद्धनाथ कुमार स्मृति सम्मान, राँची (2010); सीनियर फेलोशिप, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार नयी दिल्ली (2011-12); विशिष्ट समीक्षक सम्मान, नट सम्राट, दिल्ली (2017); नेपथ्य रंगसम्मान, 2022 (रंगमंच के दस्तावेजीकरण के लिए)।
देवेन्द्र राज अंकुर
दिल्ली विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में एम.ए। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से निर्देशन में विशेषज्ञता के साथ नाट्य-कला में डिप्लोमा। बाल भवन, नयी दिल्ली के वरिष्ठ नाट्य प्रशिक्षक। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमण्डल के सदस्य। भारतेन्दु नाट्य अकादमी, लखनऊ में नाट्य-साहित्य, रंग स्थापत्य और निर्देशन के अतिथि विशेषज्ञ। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, दिल्ली; क्षेत्रीय अनुसन्धान व संसाधन केन्द्र, बेंगलुरु के निदेशक। ‘सम्भव’, नयी दिल्ली के संस्थापक सदस्य और प्रमुख निर्देशक। नयी विधा ‘कहानी का रंगमंच’ के प्रणेता। भारत की सभी भाषाओं और रूसी भाषा में रंगकर्म का अनुभव। दूरदर्शन के लिए नाट्य-रूपान्तरण और निर्देशन। हिन्दी की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में रंगमंच पर लेख और समीक्षाएँ। अन्य भारतीय भाषाओं और अँग्रेजी से कई प्रसिद्ध नाटकों का हिन्दी में अनुवाद। अनेक देशों में रंगकार्यशालाएँ, प्रस्तुतियाँ और अध्यापन। कृत्तियाँ ये आदमी वे चूहे, मीडिया, चाणक्य प्रपंच, पहला रंग, रंग कोलाज, दर्शन-प्रदर्शन, अन्तरंग बहिरंग, रंगमंच का सौन्दर्यशास्त्र, रचना प्रकिया के पड़ाव और पढ़ते, सुनते, देखते। मो.: 9810143606
अनीश अंकुर
साढ़े तीन दशक से रंगमंच में सक्रिय। ‘अभियान सांस्कृतिक मंच’, पटना के संयोजक। ‘कौमी एकता सन्देश’ के सम्पादक।
पुस्तकें: रंगमंच के समाजिक सरोकार (2024),
कलाओं के तीन शिखर (2022), रोजा लक्जमबर्ग : व्यक्तित्व और विचार (2022), पेरिस कम्यून विरासत और सबक (2021), रामावतार शास्त्री जीवन और जनसरोकार (2021), कार्यानन्द शर्मा (जीवनी), (2020), वर्तमान विकास में मुक्ति के प्रश्न, (सुप्रसिद्ध समाजवादी चिन्तक सच्चिदानन्द सिन्हा से साक्षात्कार पर आधारित) । माधव शुक्ल नाट्य सम्मान से सम्मानित ।
ममता धवन
दिल्ली विश्वविद्यालय में हिन्दी की सहायक प्राध्यापक के रूप में पिछले तेरह साल से कार्यरत। नाटकों के अभिव्यक्ति पक्ष पर दिल्ली विश्वविद्यालय से पी-एच.डी.। प्रस्तुतिपरक नाट्य समीक्षाएँ लिखने में इनकी विशेष रुचि है।
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