Description
Samne Aate Hi Nahin : Ek Sahityik Sansmaran By Ramchandra Guha (Translated By Hridayesh Joshi)
About The Author
रामचन्द्र गुहा ने पर्यावरण, इतिहास और क्रिकेट पर अब तक दो दर्जन पुस्तकें लिखीं और सम्पादित की हैं। उनकी पहली पुस्तक द अनक्वाइट वुड्स 1989 में प्रकाशित हुई। उन्होंने महात्मा गांधी की सबसे प्रामाणिक जीवनी लिखी है जो दो भागों में प्रकाशित हुई। गुहा ने आज्जादी के बाद भारतीय राजनीति और समाज का ब्योरा (इण्डिया आफ्टर गांधी) और भारतीय क्रिकेट के सामाजिक इतिहास पर एक पुस्तक (ए कॉर्नर ऑफ़ ए फ़ॉरेनफ़ील्ड) लिखी है। अपने लेखन के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया है। वह स्टेनफ़ोर्ड, इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस और लन्दन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में पढ़ा चुके हैं। गुहा को 2014 में येल विश्वविद्यालय (अमेरिका) ने मानविकी में मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किया।
यह पुस्तक लेखक का साहित्यिक संस्मरण है जो अपने सम्पादक के साथ उनके खट्टे-मीठे अनुभवों का समृद्ध संग्रह है।



























Aarti Kumari –
Bahut hi badhiya yeh sansmaran padhna, kripya aisi aur pustaken layen.
Om Prakash –
हमारे दिमाग में एक सवाल आता है कि अच्छा कैसे लिखें राइटर कैसे बने यह इन सभी सवालों का जवाब देती है,यह किताब। कैसे रामचंद्र गुहा जैसे बड़े लेखक बनते हैं कैसे वह मेहनत करते हैं कैसे वे अपने लेखन पर काम करते हैं यह सब इस किताब में जानने को मिलेगा।