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Aboli Ki Dairy By Juvi Sharma

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अबोली की डायरी – जुवि शर्मा

मिट्टी की देह से बना मनुष्य जब पश्चात्ताप की अग्नि में झुलसता है, तो उसके कर्म की स्वीकारोक्ति के मार्ग भी स्वयं प्रशस्त हो जाते हैं। मेरी मानसिक स्थिति तो कोई नहीं समझ पाया किन्तु अवचेतन अवस्था में किसी अबोध के लिए घृणा का भाव तो उपजा ही था। कोई मेरे साथ कैसा व्यवहार करता है, वह उसका चरित्र था किन्तु मैं अपना चरित्र धूल-धूसरित नहीं कर सकती। इसलिए चाहती हूँ कि उसकी सुखद गृहस्थी हो, इसलिए उसकी ब्याह की जिम्मेदारी मैंने अपने हाथ ले ली है। हम लड़की देखकर घर आए ही थे कि मम्मी मुझे कोने में खींच लायी, ‘ऐय अबोली। सुन! उस लड़की के छाती थी क्या ? कमर भी दो बित्ते की थी न ?’
– इसी पुस्तक से


 

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Description

Aboli Ki Dairy By Juvi Sharmaजुवि शर्मा


यह सच है कि जीवन एक अन्धकार से दूसरे अन्धकार की यात्रा है, मगर उससे बड़ा सच यह है कि यह यात्रा प्रकाश की है, काया के आन्तरिक अँधेरे में जीवित मानव-कोख से फूटी किरण की है। किरण से प्रकाश बनने की यात्रा जितनी नैसर्गिक होती है उतनी ही परिस्थिति वश ।.. अबोली की डायरी एक ऐसी ही किरण की कठिन यात्रा की अन्तरंग स्मृतियों की संचिका है। उस किरण को ठीक से देखा नहीं गया, चीन्हा और समझा नहीं गया। बोलने में विलम्ब हुआ तो अबोली नाम दिया गया और जब बोलने लगी तो सुना नहीं गया .. उस परिवार का क्या अर्थ जहाँ भावनात्मक सह-अस्तित्व न हो! यह डायरी शंकराचार्य के उद्‌गार से सोशल मीडिया पर अनवरत दूँसे जाते ज्ञान तक फैले इस क्लीशे को तोड़ती है कि क्वचिदपि कुमाता न भवति; और इसे भी कि हर पिता एक लौह-छत्र होता है। दैहिक सुख की यात्रा से जन्मे बच्चे दायित्व होते हैं, और यह दायित्व पशु भी निभाते हैं। मनुष्य के लिए यह दायित्व सिर्फ प्राकृतिक नहीं, सांस्कृतिक भी है क्योंकि हम पार्थिव और प्राकृतिक से अधिक अपने बनाये लोक में रहते हैं जो अपेक्षाकृत अधिक निर्मम और अधिक स्वार्थी होता है। इस निर्मम, निष्करुण और स्वार्थी लोक में पैरेण्टिग एक ऐसी सचेत क्रिया है जिसमें हुई चूक और उससे हुई क्षति के दुष्प्रभाव घातक और काफी हद तक अमिट होते हैं। इस डायरी के पन्नों से गुजरते हुए आप इस भीषण सत्य से कई बार मिलेंगे।
– भूमिका से


About the Author

जुवि शर्मा
जन्म : 21 मई, रामगढ़ शेखावाटी, राजस्थान।
शिक्षा : स्नातक ।
कविता संग्रह ‘कोरी चुनरिया आत्मा मोरी’ (2022) और ‘ओसारे की छाँव’ (2024) तथा प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में कविताएँ, डायरी एवं कहानी प्रकाशित ।

Additional information

Author

Juvi Sharma

Binding

Paperback

Language

Hindi

ISBN

978-93-6201-269-2

Pages

224

Publication date

01-02-2025

Publisher

Setu Prakashan Samuh

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