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मोगरा : एक प्रेमपुष्प – पूजा मणि
भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना बक्सर युद्ध में बंगाल के नवाब मीर कासिम, अवध के नवाब शुजाउद्दौला एवं मुगल बादशाह शाह आलम की पराजय के पश्चात हुई। इसी कालखण्ड की पृष्ठभूमि में ‘मोगरा : एक प्रेमपुष्प’ का कथानक सृजित किया गया है।
समय और परिस्थितियों के दबाव में बंगाल का नवाब मीर कासिम अपनी सत्ता का केन्द्र मुर्शिदाबाद से हटाकर गंगा नदी के तट पर स्थित मुंगेर में स्थापित करता है। यही गंगा उपन्यास की गत्यात्मकता का माध्यम बनती है जिसके केन्द्र में है मीर कासिम की दासी मोगरा।
मोगरा के प्रेम के विविध रूपों को उपन्यास में भावनाओं के विभिन्न स्तरों पर सृजित किया गया है। मोगरा के प्रेम का स्वरूप एकाकी नहीं है। इसमें यौवन का प्रेम भी है, माँ का प्रेम भी है और वतन के प्रति प्रेम भी है। एक ओर जहाँ मोगरा का प्रेम अपने समवयस्क पुरुष के प्रति है वहीं दूसरी ओर उसका प्रेम सन्तान सदृशय बच्चों के प्रति भी है। मोगरा का प्रेम जिस पुरुष के साथ है वह न तो स्वजातीय है और न ही स्वराष्ट्रीय है बल्कि उसके दुश्मन देश का है।
इन सबों से ऊपर उठकर मोगरा अपने भावनात्मक प्रेम का उस ब्रिटिश युवक के प्रति सम्पूर्ण समर्पण करती है लेकिन जब बात राष्ट्र की आती है, मातृभूमि की आती है तब उसका चयन युवक नहीं बल्कि राष्ट्र होता है। मोगरा कहती है, ‘इश्क मेरी रूह है, और वतनपरस्ती मेरा फर्ज। हमें अपने फर्ज के साथ समझौता नहीं करना चाहिए। फर्ज को अपने दिल से ऊपर रखना पड़ता है। मेरा इश्क मेरे वतन से बढ़कर नहीं हो सकता है?’ मोगरा के प्रेम का यह रूप प्रेम को उदात्तता प्रदान करता है।
मोगरा के प्रेम के साथ-साथ उपन्यास तत्कालीन राजनीतिक परिस्थितियों को भी कथा के साथ-साथ संयोजित करता है। शासकों की राजनीतिक समझ, दूरदृष्टि, षड्यन्त्र इत्यादि का ताना-बाना भी उपन्यास में बखूबी उकेरा गया है। बदलती परिस्थितियाँ किस प्रकार किसी व्यक्ति के कार्य-व्यवहार में परिवर्तन ला सकती हैं उपन्यास इसका निदर्शन बहुत प्रभावी तरीके से करता है। राजनीति और प्रेम को अपने आधार रूप में स्थापित कर यह उपन्यास भारतीय संस्कृति, इतिहास और मानवीय भावनाओं के विविध पहलुओं का उद्घाटन करता है। गंगा नदी और छठ महापर्व की महिमा का वर्णन एक प्रकार का सम्मोहन पैदा करता है।
उपन्यास अपनी भाषा के स्तर पर सहजता और सरलता के साथ-साथ पात्रों की पृष्ठभूमि की विशेषता भी समेटे हुए है जिसके कारण उपन्यास की पठनीयता एवं रोचकता का विस्तार होता है।
पूजा मणि
जन्म बिहार में हुआ। दिल्ली में निवास। प. बंगाल तकनीकी विश्वविद्यालय से बैचलर इन हास्पिटल मैनेजमेण्ट और एम.बी.ए.। अभी हिन्दी से एम.ए. कर रही हैं। इसी से पूर्व एक कहानी संग्रह ‘कथाओं का आँगन’ और एक उपन्यास ‘डाँट लाफ आई एम इन लव’ प्रकाशित।
Additional information
Author
Pooja Mani
Binding
Paperback
Language
Hindi
ISBN
978-93-6201-305-7
Pages
199
Publication date
01-02-2025
Publisher
Setu Prakashan Samuh
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