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NAYE GHAR ME AMMA (Story) by Yogita Yadav

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नये घर में अम्मा – योगिता यादव


चारों तरफ अँधेरा है-जीवन में भी। ऐसे समय में जब हर तरफ निराशा, गाली-गलौच और खून-खच्चर फैला हो, आशा जगाने वाली कहानियाँ महत्त्वपूर्ण हो जाती हैं। यह संग्रह इस घुटन भरे माहौल में भरोसा दिलाता है कि कहीं कुछ जीने लायक बचा हुआ है।
अम्मा बूढ़ी हो चुकी हैं। खेत-खलिहान, अड़ोस-पड़ोस, सभी की नजर उनकी वृद्ध जर्जर काया पर है। एकमात्र सहारा पति भी दिवंगत हो चुके हैं। ऐसे अँधेरे में भी उजाले ढूँढ़कर लाना, आत्मविश्वास की डगमगाती काया का सहारा, आँखों में रोशनी भरना योगिता यादव जैसी एक कुशल कहानीकार का ही कमाल है। अमूमन चारों तरफ जहाँ दुख ही दुख झरते हैं, वहाँ सुख की हठात् चमक जैसे रात में बिजली काँध गयी हो, जैसे जीवन और जगत् में अब भी बहुत कुछ जीने लायक बचा हुआ है। ऐसी कहानी है’ नये घर में अम्मा’।
ग्राम्य जीवन की यह कथा आम ग्राम प्रधान और आम महिलाओं से भिन्न है। इस मायने में वह ग्राम प्रधान आमतौर पर है तो अन्य महिला ग्राम प्रधानों की तरह ही, लेकिन शिक्षित और विवेक सम्पन्न होने के नाते अपने कर्तव्य का निर्वाह करती है। और सर्वथा उपेक्षिता बूढ़ी अम्मा को घर, वृद्धावस्था पेंशन और जीवन निर्वाह के अन्य साधन मुहैया कराती है। छल-कपट और अँधेरों, निराशाओं के बीच आशा और सम्बल की ज्योति जगाने वाली यह विरल कहानी है। मानवीय गरिमा से निष्पन्न कहानियों के इस संग्रह में तस्कीन साम्प्रदायिक माहौल में भरोसा बचाये रखती है। साम्प्रदायिकता किस तरह हमारे घर के अभ्यन्तर तक घुसपैठ कर चुकी है, हमारी रगों में, हमारे शैक्षिक संस्थानों और बच्चों तक में नफरत और विभाजन का जहर बोती जा रही है। ऐसे में एक सहृदय विवेक सम्मत श्रीमती वर्मा सब कुछ सँभालने में परेशान हुई जा रही हैं। घर से बाहर तक फैले इस अँधेरे से जूझती महिला की अनोखी कहानी है ‘तस्कीन’। किंचित् लम्बी। सम्भवतः विषय के लिहाज से लम्बा होना लाजमी है।
प्रारम्भ में अपने प्रतीक और व्यंजना की व्याप्ति में, जबकि सारा स्टाफ, उस अकेली मुस्लिम बालिका तस्कीन को छोड़कर जा चुका है, वह उसकी रक्षा में खड़ी होती है। इस तरह यह एक बेहतरीन कहानी है। कहानी के प्रारम्भ में आया हुआ गड़ासा लेखिका के प्रतिभा कौशल का दिग्दर्शन है।
इस संग्रह में कुल आठ कहानियाँ हैं और प्रायः कहानियाँ औपन्यासिक विस्तार में पगी हुई हैं। योगिता के इस तीसरे कहानी संग्रह ‘नये घर में अम्मा’ का स्वागत किया जाना चाहिए।

– संजीव (वरिष्ठ कथाकार)

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Description

NAYE GHAR ME AMMA (Story) by Yogita Yadav


About the Author

योगिता यादव

जन्म : 18 जून, दिल्ली।
कृतियाँ : ख्वाहिशों के खाँडववन (उपन्यास), क्लीन चिट (कहानी-संग्रह), गलत पत्ते की चिट्ठियाँ (कहानी संग्रह), आस्था की अर्थव्यवस्था (जम्मू पर आधारित शोधात्मक पुस्तक)।
सम्पादन : हंस के जून 2024 अंक का सम्पादन, रमणिका फाउण्डेशन के हाशिये उलौंपत्ती औरत श्रृंखला में जम्मू-कश्मीर विशेषांक का सम्पादन, सार्थक नव्या के जम्मू-कश्मीर विशेषांक का सम्पादन।
सम्मान: भारतीय ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार (2014), राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान (2016), डॉ. शिवकुमार मिश्र स्मृति सम्मान (2018), कलमकार सम्मान (2015)।
सम्प्रत्ति पत्रकारिता।

Additional information

Author

Yogita Yadav

Binding

Paperback

Language

Hindi

ISBN

: 978-93-6201-332-3

Pages

117

Publication date

01-02-2025

Publisher

Setu Prakashan Samuh

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