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Rashmi Bhardwaj Books Combo
वह साल बयालीस था
‘वह साल बयालीस था’ एक तहदार उपन्यास है जिसमें रूप और रूद्र के दारुण प्रेम के अलावा भी बहुत कुछ है। उपन्यास सन् बयालीस के कालखण्ड को सजीव करता है जहाँ आज़ादी के संघर्ष के नेपथ्य के दो प्रेमियों की धड़कनें भी शामिल हैं। आज़ादी की तड़प, साम्प्रदायिक विभाजन, प्रेम के बदलते स्वरूप और युवा पीढ़ी के लिए उसके बदलते मयाने।
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घो घो रानी कितना पानी
घो घो रानी कितना पानी रश्मि भारद्वाज का तीसरा कविता-संग्रह है। इनकी कविताएँ समाज के नये प्रसंग में, विशेष तौर से अस्मिता के अन्याय संदर्भों में, जीवन की अर्थवत्ता की तलाश एक जरूरी और मुश्किल कार्य है। रश्मि भारद्वाज का यह संग्रह घो घो रानी कितना पानी यही कार्य करता है।
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मेरी यातना के अन्त में एक दरवाज़ा था
विश्व की बारह स्त्री कवियों द्वारा लिखी गयी चुनिन्दा कविताओं के अनुवाद का प्रस्तुत संचयन हिन्दी में अपनी तरह का पहला संग्रह है। यहाँ प्रत्येक कवि अपने काव्य की चारित्रिक विशेषताओं के साथ उपस्थित है, और समग्रतः स्त्री-विश्व का ऐसा दृश्यालेख भी, जो मनुष्यत्व से अभिन्न व जीवनमय है।
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मैंने अपनी मां को जन्म दिया है
जानी-मानी लेखिका रश्मि भारद्वाज के कविता संग्रह ‘मैंने अपनी मां को जन्म दिया है’ में जीवन के विविध पक्षों की छाप है। उनकी कविताएं दुख, मुक्ति और स्वाभिमान के मुद्दों के अतिरिक्त विस्थापन, पर्यावरण और सहकारिता के वृहत्तर प्रश्नों से भी टकराती हैं।
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