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ALPSANKHYAK : RAJNEETI AUR SAMAJ by Ram Puniyani

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अल्पसंख्यक राजनीति और समाज

– राम पुनियानी, सम्पादक रविकान्त

राम पुनियानी जी के लेखों के संकलन के क्रम में प्रकाशित होने वाली यह पाँचवीं किताब है। इसमें अल्पसंख्यकों की समस्याओं और चुनौतियों पर आधारित आलेख संकलित हैं। हिन्दुत्व की राजनीति ने भारतीय समाज को खासा प्रभावित किया है। बारह सौ साल की हिन्दू-मुस्लिम संस्कृति को तहस-नहस करने की पूरी कोशिश की गयी। ईसाई धर्म के स्थापित होने की पहली सदी में भारत पहुँचे इस धर्म पर भी हिन्दुत्ववादियों ने हमला किया। इससे भारत की समन्वयकारी संस्कृति और उसकी प्रतिष्ठा को बहुत चोट पहुँची है। यह किताब अल्पसंख्यकों के मुद्दों को सामने लाने की एक कोशिश है।

– इसी पुस्तक से


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Description

ALPSANKHYAK : RAJNEETI AUR SAMAJ
by Ram Puniyani (Edited by Ravikant)

राम पुनियानी

जन बुद्धिजीवी, लोकप्रिय वक्ता, इतिहास और समकालीन राजनीति के अध्येता, धर्मनिरपेक्षता और समाज अध्ययन केन्द्र के अध्यक्ष, साम्प्रदायिक सद्भावना और राष्ट्रीय एकता के लिए निरन्तर लेखन एवं सक्रियता, अनेक किताबों के लेखक, जैसे- साम्प्रदायिक राजनीति (2002), गांधी की दूसरी बार हत्या (2003), जाति और साम्प्रदायिकता (2015), अंबेडकर और हिन्दुत्व की राजनीति (2016), हिंसा-साम्प्रदायिकता (2021), भारतीय राष्ट्रवाद बनाम हिन्दू राष्ट्रवाद (2021), अंबेडकर, दलित और स्त्री प्रश्न (2023), वैश्विक आतंकवाद और भारत की अस्मिता (2024), आरएसएस और हिन्दुत्व की राजनीति (2024), खतरे में धर्मनिरपेक्षता (2025) Religious Nationalism, Social Perception and Violence (2021)। सम्मान : इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय एकता अवार्ड (2006), राष्ट्रीय एकता अवार्ड (2007)

रविकान्त (सम्पादक)

अंबेडकरवादी विचारक, राजनीतिक विश्लेषक, दलित मामलों के विशेष जानकार, साहित्य- समीक्षक, सामाजिक न्याय और साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए निरन्तर लेखन एवं सक्रियता, कई किताबों के लेखक और सम्पादक, जैसे-आलोचना और समाज (2016), आज के आईने में राष्ट्रवाद (2018), आजादी और राष्ट्रवाद (2018), ‘आधा गाँव’ में मुस्लिम अस्मिता (2019), वैश्वीकरण, हिन्दी साहित्य और आलोचना (2020), इतिहास, धर्म और राजनीति (2020), अंबेडकर, दलित और स्त्री प्रश्न (2023), अद्यतन हिन्दी काव्य (2023), प्रतिनिधि कविताएँ ओमप्रकाश वाल्मीकि (2024), सम्पूर्ण कविताएँ : ओमप्रकाश वाल्मीकि (2024), वैश्विक आतंकवाद और भारत की अस्मिता (2024), आरएसएस और हिन्दुत्व की राजनीति (2024), खतरे में धर्मनिरपेक्षता (2025)। पत्रिका सम्पादन : अदहन सम्प्रति : एसोसिएट प्रोफेसर, हिन्दी तथा आधुनिक भारतीय भाषा विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ।

Additional information

Author

Ram Puniyani

Editor

Ravikant

Language

Hindi

Binding

Paperback

ISBN

978-93-6201-316-3

Pages

528

Publication date

14-01-2025

Publisher

Setu Prakashan Samuh

1 review for ALPSANKHYAK : RAJNEETI AUR SAMAJ by Ram Puniyani

  1. Shrihari

    यह पुस्तक अल्पसंख्यकों की समस्याओं, हिन्दुत्व की राजनीति के प्रभाव, और भारत की समन्वयकारी संस्कृति पर गहन विचार प्रस्तुत करती है।

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