Bhakti Ka Lokvritt Aur Ravidas Ki Kavitayi By Shriprakash Shukla
About the Author
श्रीप्रकाश शुक्ल
जन्म: 18 मई 1965 को सोनभद्र (उत्तर प्रदेश) के बरवां गाँव में।
शिक्षा: एम.ए., पी-एन.डी. (हिन्दी) (इलाहाबाद विश्वविद्यालय)।
कविता संग्रहः अपनी तरह के लोग, जहाँ सब शहर नहीं होता, बोली बात, रेत में आकृतियाँ, ओरहन और अन्य कविताएँ, कवि ने कहा, क्षीरसागर में नींद, वाया नमी सदी। आलोचना: साठोत्तरी हिन्दी कविता में लोक सौन्दर्य, नामवर की धरती, हजारीप्रसाद द्विवेदी एक जागतिक आचार्य, महामारी और कविता, राग रविदास। यात्रा संस्मरण देस देस परदेस। लेखक पर केन्द्रित पुस्तकें असहमतियों के वैभव के कवि श्रीप्रकाश शुक्ल (सं. कमलेश वर्मा, सुचिता वर्मा), कवि की बात-ओप्रकाश शुक्ल की रचनाओं पर एकाग्र रचनावली पत्रिका का विशेषांक। सम्पादन ‘परिचय’ नाम से एक साहित्यिक पत्रिका का सम्पादन। पुरस्कार : कविता के लिए ‘बोली बात’ संग्रह पर वर्तमान साहित्य का मलखानसिंह सिसोदिया पुरस्कार, ‘रेत में आकृतियाँ’ कविता संग्रह पर उ. प्र. हिन्दी संस्थान का नरेश मेहता कविता पुरस्कार, ‘ओरहन और अन्य कविताएँ’ कविता संग्रह के लिए उ.प्र. हिन्दी संस्थान का ‘विजयदेव नारायण साही कविता पुरस्कार’, शमशेर सम्मान-2020. कई कविताओं का अँग्रेजी, पंजाबी, मराठी भाषा में अनुवाद।
सम्प्रति : बी.एच. यू. के हिन्दी विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं तथा भोजपुरी अध्ययन केन्द्र, बी. एच.यू. के समन्वयक रह चुके हैं।
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