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Mohan Rakesh By Ashish Tripathi

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मोहन राकेश – (नाट्य व्यक्तित्व)


प्रधान सम्पादक: महेश आनन्द, देवेन्द्र राज अंकुर
सम्पादक : आशीष त्रिपाठी

मोहन राकेश मध्यवर्ग के लेखक हैं। मोहन राकेश ने अपने तीनों नाटकों में व्यक्ति की स्वतन्त्रता और निजता के प्रश्न को उठाने का प्रयास किया है। उनके नाटक सामाजिक जीवन की तुलना में मनुष्य के व्यक्तिगत जीवन को केन्द्र में रखते हैं। एक विशिष्ट अर्थ में उनकी चेतना मूलतः रोमाण्टिक है। उन्होंने स्त्री-पुरुष सम्बन्धों की बारीकियों को भी व्यक्ति-स्वातंत्र्य के विशेष परिप्रेक्ष्य में ही उभारा है। उनके नाटकों के मूल में जो द्वन्द्व है उसका केन्द्रीय सरोकार व्यक्ति है। यह व्यक्ति समाज और व्यवस्था के दबावों का सामना करते-करते ख़त्म हो जाने को मजबूर है। परिवार, राज्य, धर्म और मानवीय सम्बन्ध उसकी मानवीयता का क्षरण करते हैं। नैतिकता और निजी आकांक्षाओं के दो पाटों के बीच वह पिसने और अन्ततः अकेला हो जाने के लिए मजबूर होता है। नेहरू युगीन सन्दर्भों के बिना मोहन राकेश को पढ़ पाना प्रायः असम्भव है।
– इसी पुस्तक से


 

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Description

Mohan Rakesh By Ashish Tripathi


About the Author

महेश आनन्द
जन्म 5 फ़रवरी 1946 को। उच्च शिक्षा दिल्ली वि.वि. से। दिल्ली कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स ऐण्ड कॉमर्स, दिल्ली वि.वि. में 40 वर्ष तक अध्यापन। ‘नटरंग’ में 24 वर्षों तक सम्पादन सहयोग। सचिव, एण्टन चेखव ड्रामा स्टूडियो (1986-88) सोवियत कल्चरल सेंटर, दिल्ली। कृतियाँ: कहानी का रंगमंच (1997), जयशंकर प्रसाद रंगदृष्टि (1998), जयशंकर प्रसाद रंगसृष्टि (1998), रंग दस्तावेज सौ साल (दो खण्ड, 2007), रंगमंच के सिद्धात (देवेन्द्र राज अंकुर के साथ संपादन, 2008), रेखा जैन (बाल नाटककार, निर्देशक, मोनोग्राफ 2010), हिन्दी रंगमंच एक दृश्य यात्रा (2019), दृश्य के साथ-साथ (2021), रंगसंवाद (2021)। पुरस्कार विशिष्ट कृति सम्मान, हिन्दी अकादमी, दिल्ली (1988-89); सिद्धनाथ कुमार स्मृति सम्मान, राँची (2010); सीनियर फेलोशिप, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार नयी दिल्ली (2011-12); विशिष्ट समीक्षक सम्मान, नट सम्राट, दिल्ली (2017); नेपथ्य रंगसम्मान, 2022 (रंगमंच के दस्तावेजीकरण के लिए)।


देवेन्द्र राज अंकुर
दिल्ली विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में एम.ए। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से निर्देशन में विशेषज्ञता के साथ नाट्य कला में डिप्लोमा। बाल भवन, नयी दिल्ली के वरिष्ठ नाट्य प्रशिक्षक। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमण्डल के सदस्य। भारतेन्दु नाट्य अकादमी, लखनऊ में नाट्य-साहित्य, रंग स्थापत्य और निर्देशन के अतिथि विशेषज्ञ। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, दिल्ली; क्षेत्रीय अनुसन्धान व संसाधन केन्द्र, बेंगलुरु के निदेशक। ‘सम्भव’, नयी दिल्ली के संस्थापक सदस्य और प्रमुख निर्देशक। नयी विधा ‘कहानी का रंगमंच’ के प्रणेता। भारत की सभी भाषाओं और रूसी भाषा में रंगकर्म का अनुभव। दूरदर्शन के लिए नाट्य-रूपान्तरण और निर्देशन। हिन्दी की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में रंगमंच पर लेख और समीक्षाएँ। अन्य भारतीय भाषाओं और अँग्रेज्ती से कई प्रसिद्ध नाटकों का हिन्दी में अनुवाद। अनेक देशों में रंगकार्यशालाएँ, प्रस्तुतियाँ और अध्यापन। कृतियाँ: ये आदमी ये चूहे, मीडिया, चाणक्य प्रपंच, पहला रंग, रंग कोलाज, दर्शन-प्रदर्शन, अन्तरंग बहिरंग, रंगमंच का सौन्दर्यशास्त्र, रचना प्रकिया के पड़ाव और पढ़ते, सुनते, देखते।


आशीष त्रिपाठी
21 सितम्बर 1973 को मध्य प्रदेश के गाँव जमुनिहाई (जिला सतना) में जन्म। बी.एससी. के पश्चात हिन्दी में एम.ए., एम. फिल, और पी-एच. डी.। इन दिनों काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के हिन्दी विभाग में प्रोफेसर ।
कम उम्र से ही कविता में रुचि। पहली कविता सन् 1986 में प्रकाशित। 1994 से निरन्तर कविताओं का प्रकाशन। पहला कविता संग्रह ‘एक रंग ठहरा हुआ’ 2010 में प्रकाशित एवं लक्ष्मण प्रसाद मण्डलोई स्मृति सम्मान से सम्मानित। दूसरा कविता संग्रह ‘शान्ति पर्व’ 2024 में प्रकाशित ।
आलोचना पुस्तक ‘समकालीन हिन्दी रंगमंच और रंगभाषा’ प्रकाशित। ‘भक्ति आन्दोलन और तुलसीदास’ विषय पर एक पुस्तक और ‘हिन्दी नाटकों पर लोक रंग-परम्पराओं का प्रभाव’ विषय पर शोधपरक कार्य प्रायः पूर्ण। इन दिनों रज्जा फेलोशिप के तहत हबीब तनवीर की जीवनी लिखने के साथ ही समकालीन कविता पर लगातार लेखन। आलोचना के लिए 2016 के स्पंदन सम्मान से सम्मानित ।
जमाने से दो-दो हाथ, प्रेमचन्द और भारतीय समाज, हिन्दी का गद्यपर्व, कविता की जमीन और जमीन की कविता आदि नामवर सिंह की उन्नीस पुस्तकों का सम्पादन। नामवर सिंह के साथ ‘रामचन्द्र शुक्ल रचनावली’ के आठ खण्डों का सम्पादन एवं ‘आषाढ़ का एक दिन : पुनर्मूल्यांकन’ का सम्पादन।

Additional information

Author

Ashish Tripathi

Binding

Paperback

Language

Hindi

ISBN

978-93-6201-289-0

Pages

291

Publication date

01-02-2025

Publisher

Setu Prakashan Samuh

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