Bharat Shudron Ka Hoga – Kishan Patnayak (Paperback)
₹140.00Original price was: ₹140.00.₹126.00Current price is: ₹126.00.
Bharat Shudron Ka Hoga – Kishan Patnayak भारत शूद्रों का होगा – किशन पटनायक
वरिष्ठ राजनैतिक विचारक-कार्यकर्ता किशन पटनायक की यह पहली पूरी किताब है। जाहिर है इसे छापते हुए कोई भी प्रकाशक निहाल होता-हमारे जैसे नये प्रकाशन के लिए तो यह गौरव की बात ही है।
श्री पटनायक कोई लेखक नहीं हैं-सक्रिय और गम्भीर राजनीतिकर्मी हैं। बहुत कम उम्र में 1962 में सांसद बनकर उन्होंने चीन के हाथों हुई पराजय का सवाल हो या प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरू के खर्च का, सरकार और संसद के अँग्रेजी की प्रधानता का सवाल हो या तत्कालीन काँग्रेसी नीतियों पर पहली बार सार्थक सवाल खड़े करने का, सभी पर खुलकर बोला और पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा। उस संसद में समाजवादी पार्टी के सिर्फ़ दो ही सांसद गये थे-डॉ. राममनोहर लोहिया और मधु लिमये जैसे लोग बाद में उप चुनाव जीत कर आए थे। लेकिन नौजवान किशन पटनायक ने विपक्ष की भूमिका बखूबी निभायी थी।
वे डॉ. लोहिया के उन कुछेक शिष्यों में से एक हैं जिन्होंने उनकी मृत्यु के बाद लोहिया विचार मंच चलाया और लोहिया के बाद देश में हुए लगभग सभी बड़े आन्दोलनों में सक्रिय रूप से भाग लिया। पर वे सत्ता की होड़ वाली किसी पार्टी में नहीं गये और लगातार देश-समाज की समस्याओं, नयी प्रवृत्तियों पर गम्भीर चिन्तन-मनन करते रहे। नये राजनैतिक कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण का काम भी उन्होंने बखूबी किया है। लोहिया विचार मंच हो या 1974 का आन्दोलन, फिर समता संगठन और अब समाजवादी जन परिषद से जुड़कर वे लगातार एक आदर्शवादी वैकल्पिक राजनैतिक संगठन खड़ा करने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
जैसा कि पहले कहा गया है, वे कोई लेखक नहीं हैं पर वे ‘सामयिक वार्ता’ नामक राजनैतिक पत्रिका का सम्पादन 1977 से कर रहे हैं। इसके पहले वे ‘जन’ और ‘मैनकाइण्ड’ से जुड़े रहे हैं। और इन पत्रिकाओं के माध्यम से हो या दूसरे अखबारों में लेख लिखकर, अपने भाषणों और प्रशिक्षण शिविरों की बातचीत से उन्होंने किताबें लिखने वालों के लिए पर्याप्त सामग्री जुटायी है, देश में बौद्धिक बहसें छेड़ी हैं। उल्लेखनीय है कि सबसे पहले ‘सामयिक वार्ता’ ने ही जनता पार्टी में दोहरी सदस्यता का सवाल उठाकर इसे राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बनाया था।
किशन पटनायक (1930–2004) लगभग 50 वर्षों से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय किशन पटनायक युवावस्था से ही समाजवादी आन्दोलन के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए थे। वे समाजवादी युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे और केवल 32 वर्ष की आयु में 1962 में सम्बलपुर से लोकसभा के सदस्य चुने गए। समाजवादी आन्दोलन के दिग्भ्रमित और अवसरवादी होने पर 1969 में दल से अलग हुए, 1972 में लोहिया विचार मंच की स्थापना से जुड़े और बिहार आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। इमरजेन्सी में और उससे पहले सात–आठ बार जेल में बन्दी रहे।
Additional information
ISBN
9789391277918
Author
Kishan Patnayak
Binding
Paperback
Pages
128
Publisher
Setu Prakashan Samuh
Imprint
Setu Prakashan
Language
Hindi
Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “Bharat Shudron Ka Hoga – Kishan Patnayak (Paperback)” Cancel reply
Reviews
There are no reviews yet.