About the Author:
मंगलेश डबराल का जन्म 16 मई 1948 को उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले के गाँव काफलपानी में हुआ। वे लंबे समय तक दैनिक जनसत्ता और दूसरी पत्रपत्रिकाओं में संपादन का काम करते रहे हैं। उनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं : पहाड़ पर लालटेन, घर का रास्ता, हम जो देखते हैं, आवाज़ भी एक जगह है, नये युग में शत्रु और स्मृति एक दूसरा समय है (कविता संग्रह); लेखक की रोटी और कवि का अकेलापन (गद्य संग्रह); एक बार आयोवा, एक सड़क एक जगह (यात्रा संस्मरण); उपकथन (साक्षात्कार); कवि ने कहाऔर प्रतिनिधि कविताएँ (चयन)। मंगलेश डबराल की कविताएँ देश और विदेश की सभी प्रमुख भाषाओं में अनूदित हुई हैं। उनकी कविताओं के अंग्रेज़ी और इतालवी अनुवाद पुस्तकों के रूप में भी प्रकाशित हुए हैं। उन्होंने देश-विदेश में कई राष्ट्रीयअंतरराष्ट्रीय कविता समारोहों में कविता-पाठ किया है और अमेरिका के आयोवा विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय लेखन कार्यक्रम में भी रहे हैं। बेर्टोल्ट ब्रेश्ट, पाब्लो नेरूदा, एर्नेस्तो कार्दैनाल और यानिस रित्सोस जैसे कई प्रमुख कवियों की रचनाओं के अनुवाद के अलावा उन्होंने अंग्रेज़ी उपन्यासकार अरुंधति रॉय के उपन्यास द मिनिस्ट्री ऑफ़ अटमोस्ट हैप्पीनेसका अनुवाद अपार खुशी का घराना शीर्षक से किया है। उन्हें पहल सम्मान, कुमार विकल सम्मान, शमशेर सम्मान और साहित्य अकादेमी पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। मृत्यु : दिसंबर 2020
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