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Mira Nachi – Stri Man Ki Kahaniyan – Mridula Garg

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मीरा नाची
स्त्री-मन की कहानयाँ – मृदुला गर्ग

आजकल स्त्री-विमर्श पर बहस करने का फ़ैशन है, सो उस पर असंख्य किताबें लिखी जा रही हैं। मेरा अपना सोच कुछ अलग है। मैं समझती हूँ कि स्त्री विमर्श के सिद्धान्त गढ़ने से पहले हमें स्त्री अनुभव पर गहराई से सोचना चाहिए क्योंकि रचना के सूत्र अनुभव में मिलते हैं, विमर्श में नहीं और विमर्श के सूत्र अनुभवजन्य रचना से निकलते हैं। यानी रचना पहले होती है, विमर्श उसके माध्यम से बाद में विकसित होता है। कह सकते हैं असल मुद्दा रचना द्वारा नारी-मन को उसकी पूरी जटिलता और बहुरंगी छटा में समझने का है। ऐसा नहीं है कि नारी का मन पुरुष के मन से पृथक् वस्तु है, जो समाज और समय से अपने सम्बन्ध को अलग-थलग तरीके से देखता है।

-इसी पुस्तक से 

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Description

मीरा नाची
स्त्री-मन की कहानयाँ

About the Author:

मृदुला गर्ग का जन्म 25 अक्टूबर, 1938 को कोलकाता में हुआ। 1960 में उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनोमिक्स से अर्थशास्त्र में एम.ए. किया और तीन साल कॉलेज में अध्यापन किया। 1971 में रचनात्मक लेखन आरम्भ किया। पहला उपन्यास उसके हिस्से की धूप व कथा संग्रह कितनी कैदें, 1975 में प्रकाशित हुए थे। तबसे स्वतन्त्र रूप से रचनारत हैं। करीब 11 संग्रहों में 82 कहानियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं। 1973-2003 तक की सम्पूर्ण कहानियाँ, संगति-विसंगति नाम से दो खण्डों में संगृहीत हैं। 7 उपन्यास हैं, उसके हिस्से की धूप, वंशज, चित्तकोबरा, अनित्य, मैं और मैं, कठगुलाब तथा मिलजुल मन। 4 नाटक, एक और अजनबी, जादू का कालीन, कितनी कैदें व साम दाम दण्ड भेद व 2 निबन्ध संग्रह रंग-ढंग, चुकाते नहीं सवाल और 1 यात्रा संस्मरण कुछ अटके कुछ भटके प्रकाशित हुए हैं। कठगुलाब और चित्तकोबरा तथा कई कहानियाँ देश-विदेश की अनेक भाषाओं में अनूदित। 2003 से इंडिया टुडे (हिन्दी) में पाक्षिक स्तम्भ कटाक्ष लिख रही हैं। 2003-2005 तक के लेख, कर लेंगे सब हज़म नाम से पुस्तक रूप में प्रकाशित हैं। सम्मान: 2004 में उपन्यास कठगुलाब को व्यास सम्मान प्राप्त हुआ। 2003 में इसी कृति पर वाग्देवी सम्मान प्राप्त हुआ था। 1988-89 में दिल्ली हिन्दी अकादमी से साहित्यकार सम्मान, 1999 में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान से साहित्य भूषण और 2001 में न्यूयार्क ह्यूमन राइट्स वॉच से हैलमन हैमट ग्रान्ट व मध्य प्रदेश साहित्य परिषद् से उपन्यास उसके हिस्से की धूप तथा नाटक जादू का कालीन को कृति पुरस्कार मिल चुके हैं। अनेक देशो का यात्राएँ भी की।

 

Additional information

ISBN

8187482982

Author

Mridula Garg

Pages

216

Publisher

Setu Prakashan Samuh

Imprint

Vagdevi

Language

Hindi

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