About the Author:
इन्दौर में जन्म। पत्रकारिता की शुरुआत ‘प्रभात किरण’ और ‘नवभारत’ से। इन्दौर स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स से अधूरी पढ़ाई। इन्दौर से ‘द आर्ट गैलरी’ पत्रिका की शुरुआत, जिसका लोकार्पण वरिष्ठ चित्रकार एन.एस. बेन्द्रे ने किया। संगीत-नृत्य की संस्था ‘लयशाला’ के संस्थापकों में से एक। कुछ वर्ष भोपाल में मध्य प्रदेश कला परिषद् की मासिक पत्रिका ‘कलावार्ता’ का सम्पादन। दस वर्ष ‘जनसत्ता’ मुम्बई में कला-पृष्ठ के प्रभारी। मुम्बई में थियेटर इन होम’ की स्थापना की। दिनेश ठाकुर के ‘अंक’ नाट्य ग्रुप में रंगमंच समीक्षा के लिए गुलज़ार से सम्मानित। मुम्बई में रहते हुए ललित कला अकादेमी नयी दिल्ली की कार्य-परिषद् के सदस्य और प्रकाशन परामर्श मण्डल के सदस्य बने। मुम्बई ‘जनसत्ता’ बन्द होने के बाद दिल्ली जाकर महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय की पत्रिका ‘पुस्तक वार्ता’ के संस्थापक सम्पादक बने। दिल्ली में ही एक और कला पत्रिका ‘क’ के संस्थापक सम्पादक बने। उनके दो कविता संग्रह ‘अन्य’ (वाणी प्रकाशन) और कोई आया है शायद’ (अद्वैत प्रकाशन) से आए हैं। विभिन्न कला अनुशासनों के व्यक्तियों की डायरी का ‘इतर’ नाम से प्रकाशन। इन दिनों कोलकाता में।
Be the first to review “Mitti Ki Tarah Mitti- Conversation With Siraj Saxena – Rakesh Shrimal (HardCover)”
You must be logged in to post a review.