Rundhe Kanth Ki Abhyarthana (Poems) By Smita Sinha
About the Author
स्मिता सिन्हा
समकालीन हिन्दी साहित्य की एक सशक्त आवाज हैं। उनका पहला काव्य-संग्रह ‘बोलो न दरवेश’ (सेतु प्रकाशन, 2021) पाठकों और आलोचकों के बीच समान रूप से सराहा गया।
शिक्षा और कार्य अनुभवः
अर्थशास्त्र (एम.ए., पटना), पत्रकारिता (आईआईएमसी, नयी दिल्ली) और बी. एड. (कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय) की शिक्षा प्राप्त स्मिता ने पत्रकारिता के क्षेत्र में 15 से अधिक वर्षों का अनुभव अर्जित किया है। वे विश्वविद्यालय स्तर पर एम.बी.ए. फैकल्टी के रूप में भी कार्यरत रही हैं।
साहित्यिक योगदान :
स्मिता की कविताएँ नया ज्ञानोदय, कथादेश, वागर्थ, पाखी, बनास जन सहित अनेक प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और जानकीपुल, शब्दांकन, पहली बार जैसे ब्लॉग्स पर प्रकाशित हुई हैं। उनकी रचनाएँ हिन्दवी और कविता कोश पर भी उपलब्ध हैं।
सम्मान और मंच :
रफा फाउण्डेशन के युवा 21, युवा 22 और समवाय 23 जैसे प्रतिष्ठित आयोजनों में भागीदारी के साथ वे भारत भवन जैसे मंच पर कविता पाठ कर चुकी हैं।
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