-14.86%

Rundhe Kanth Ki Abhyarthana (Poems) By Smita Sinha

Original price was: ₹249.00.Current price is: ₹212.00.

रुँधे कण्ठ की अभ्यर्थना — स्मिता सिन्हा


स्मिता सिन्हा की कविताएँ यथार्थ का सामना करती हैं। वे किसी प्रकार के नास्टेल्जिया में नहीं डूबीं। उनकी कविता ‘निस्तारण’ इस बात का उदाहरण है कि किस तरह वे जीवन की सच्चाइयों को निरन्तर उधेड़ती और उनसे निपटने का साहस करती हैं।
उनकी कविताएँ इस बात की पुष्टि करती हैं कि स्त्री केवल ‘स्त्री’ नहीं, बल्कि एक स्वतन्त्र मनुष्य है। यह स्वतन्त्रता ही उनकी कविताओं को प्रासंगिक और प्रभावी बनाती है।
स्मिता की कविता ‘अधूरी कविता की स्त्री’ में स्त्री का संघर्ष और उसकी अपूर्णता को बखूबी उभारा गया है। यह अधूरी स्त्री अपनी अपूर्णता के बावजूद पूर्णता की ओर अग्रसर है। वह अपनी चुप्पी को तोड़ने और अपने निर्णयों की बागडोर खुद थामने के लिए तत्पर है।
स्मिता सिन्हा की कविताएँ एक नये युग की दस्तक हैं। उनकी लेखनी में वह गहराई और संवेदनशीलता है, जो उन्हें साहित्यिक जगत में एक विशेष स्थान दिलाती है। ‘रुँधे कण्ठ की अभ्यर्थना’ उनके उज्ज्वल भविष्य का संकेत है। यह संग्रह न केवल स्त्री जीवन की जटिलताओं का दस्तावेज होगा, बल्कि साहित्य में स्त्री के संघर्ष और उसको सृजनशीलता का उत्सव भी।
स्मिता सिन्हा की कविताएँ स्त्री की यात्रा को एक नये आयाम में प्रस्तुत करती हैं। उनकी कविताओं में प्रेम, संघर्ष, संवेदना, और अधिकार की ध्वनियाँ गहराई से महसूस की जा सकती हैं। ‘रुधे कण्ठ की अभ्यर्थना’ केवल एक कविता संग्रह नहीं है, बल्कि स्त्री के अस्तित्व और सृजनशीलता का उत्सव है।
– अष्टभुजा शुक्ल (भूमिका से)


वह अपनी प्रतिच्छाया सी ओढ़ता, बिछाता रहा हँसाता, रुलाता रहा फिर छोड़ आया मुझे अपने मन के किसी उदास कोने में उसी ढलती साँझ में मैंने देखा वह ताक रहा था अपलक पुच्छल तारों को…
जबकि सुदूर कहीं टूट रही थी एक अधूरी प्रार्थना
अपने ईश्वर के इस बेबस मौन पर
– इसी पुस्तक से


Order This Book Instantly Using the RazorPay Button

In stock

SKU: Rundhe Kanth Ki Abhyarthana By Smita Sinha-PB Category:

Description

Rundhe Kanth Ki Abhyarthana (Poems) By Smita Sinha


About the Author

स्मिता सिन्हा
समकालीन हिन्दी साहित्य की एक सशक्त आवाज हैं। उनका पहला काव्य-संग्रह ‘बोलो न दरवेश’ (सेतु प्रकाशन, 2021) पाठकों और आलोचकों के बीच समान रूप से सराहा गया।
शिक्षा और कार्य अनुभवः
अर्थशास्त्र (एम.ए., पटना), पत्रकारिता (आईआईएमसी, नयी दिल्ली) और बी. एड. (कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय) की शिक्षा प्राप्त स्मिता ने पत्रकारिता के क्षेत्र में 15 से अधिक वर्षों का अनुभव अर्जित किया है। वे विश्वविद्यालय स्तर पर एम.बी.ए. फैकल्टी के रूप में भी कार्यरत रही हैं।
साहित्यिक योगदान :
स्मिता की कविताएँ नया ज्ञानोदय, कथादेश, वागर्थ, पाखी, बनास जन सहित अनेक प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और जानकीपुल, शब्दांकन, पहली बार जैसे ब्लॉग्स पर प्रकाशित हुई हैं। उनकी रचनाएँ हिन्दवी और कविता कोश पर भी उपलब्ध हैं।
सम्मान और मंच :
रफा फाउण्डेशन के युवा 21, युवा 22 और समवाय 23 जैसे प्रतिष्ठित आयोजनों में भागीदारी के साथ वे भारत भवन जैसे मंच पर कविता पाठ कर चुकी हैं।


Additional information

Author

Smita Sinha

Binding

Paperback

Language

Hindi

ISBN

978-93-6201-016-2

Pages

176

Publication date

01-02-2025

Publisher

Setu Prakashan Samuh

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Rundhe Kanth Ki Abhyarthana (Poems) By Smita Sinha”

You may also like…

0
YOUR CART
  • No products in the cart.