About the Author:
23 मार्च 1973 को उत्तर प्रदेश के एक जिले देवरिया में निम्नमध्यवर्गीय परिवार में जन्म। प्रारंभिक शिक्षा गाँव और देवरिया में। इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद से बी.ए., एम.ए. और डी. फिल.। विभिन्न संस्थानों में अध्यापन के उपरांत अभी दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली के हिंदी विभाग में अध्यापन कर रहे हैं। दो वर्षों तक लगभग अंकारा विश्वविद्यालय, अंकारा (तुर्की) में विजिटिंग प्रोफ़ेसर रहे। लेखन की शुरुआत आलोचना से ही। 25 वर्षों से आलोचनात्मक लेखन। देशभर की सभी पत्र-पत्रिकाओं में आलोचनात्मक लेख और समीक्षाएँ प्रकाशित। बहुचर्चित और हिंदी जनक्षेत्र की महत्त्वपूर्ण पत्रिका ‘पक्षधर’ का संपादन-प्रकाशन कर रहे हैं। अब तक, ‘परंपरा, सर्जन और उपन्यास’, ‘नयी सदी की दहलीज पर’, ‘विजयदेव नारायण साही’ (मोनोग्राफ), ‘निबंध : विचार-रचना’ और ‘आचार्य रामचंद्र शुक्ल के श्रेष्ठ निबंध’, ‘आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के श्रेष्ठ निबंध’, ‘आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के श्रेष्ठ निबंध’, ‘कथालोचना : दृश्य-परिदृश्य’, ‘उपन्यास : कला और सिद्धांत’ (दो खंडों में), ‘नाज़िम हिकमत के देश में’ (यात्रा-संस्मरण), ‘आलोचना की पक्षधरता’ तथा ‘राष्ट्रवाद और गोरा’, ‘विचार के वातायन’ जैसी पुस्तकों का लेखन और संपादन कर चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा की पत्रिका ‘बहुवचन’ के दो अंकों का संपादन। युवा आलोचना के लिए देशभर में प्रतिष्ठित ‘देवीशंकर अवस्थी आलोचना सम्मान-2013’ और ‘वनमाली कथालोचना सम्मान-2016’ से सम्मानित।
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