-9.78%

Bhartiya Manas Ka Vi-Aupniveshikaran By Ambikadatt Sharma

Original price was: ₹225.00.Current price is: ₹203.00.

Bhartiya Manas Ka Vi-Aupniveshikaran By Ambikadatt Sharma

भारत में आत्मविभाजन की एक व्याख्या मूलतः हिंदी में दार्शनिक अम्बिकादत्त शर्मा ने इस पुस्तक के रूप में प्रस्तुत की है। इस गंभीर विषय पर एक से अधिक व्याख्याएँ न सिर्फ़ संभव हैं बल्कि अभीष्ट भी।

In stock

SKU: bhartiya-manas-ka-vi-aupniveshikaran-HB Category:

Description

भारत में आत्मविभाजन की एक व्याख्या मूलतः हिंदी में दार्शनिक अम्बिकादत्त शर्मा ने इस पुस्तक के रूप में प्रस्तुत की है। इस गंभीर विषय पर एक से अधिक व्याख्याएँ न सिर्फ़ संभव हैं बल्कि अभीष्ट भी।

About the Author:

प्रो. अम्बिकादत्त शर्मा (जन्म : 1960) आप भारतीय तत्त्वविद्या, प्रमाणशास्त्र, भाषादर्शन एवं साभ्यतिक अध्ययन के दीक्षित और शिक्षित परिपृच्छाधर्मी अध्येता हैं। दर्शन और संस्कृतिचिन्तन के क्षेत्र में आपके वैचारिक-विमर्शपरक लेखन समकालीन भारतीय दार्शनिकों में समादृत हैं। आपके द्वारा लिखित एवं सम्पादित बीस से अधिक ग्रन्थ प्रकाशित हैं। भारत के वैचारिक स्वराज और राष्ट्रभाषा के राजपथ पर दर्शन के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान एवं प्रगत शोधपरक गवेषणाओं के लिए आपको अनेक सम्मानों से विभूषित किया गया है। प्रो. अम्बिकादत्त शर्मा सम्प्रति डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर (म.प्र.) में दर्शनशास्त्र के आचार्य, दर्शन प्रतिष्ठान, जयपुर से प्रकाशित पत्रिका उन्मीलन के सम्पादक और डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय की शोध-पत्रिका मध्य भारती के प्रधान सम्पादक हैं।

Additional information

ISBN

9789389830446

Author

Ambikadatt Sharma

Binding

Hardcover

Pages

112

Publication date

01-01-2020

Publisher

Setu Prakashan Samuh

Imprint

Setu Prakashan

Language

Hindi

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Bhartiya Manas Ka Vi-Aupniveshikaran By Ambikadatt Sharma”

You may also like…

0
YOUR CART
  • No products in the cart.