-10.00%

Chitrakala Aur Samaj By Bhau Samarth

Original price was: ₹310.00.Current price is: ₹279.00.

‘चित्रकला और समाज’ – भाऊ समर्थ

पिछली सदी के सत्तर से नब्बे तक दो दशकों में हिंदी की कोई ऐसी साहित्यिक पत्रिका नहीं थी जिसके मुख्यपृष्ठ और भीतरी पन्नों पर भाऊ समर्थ के चित्र और रेखांकन न प्रकाशित हुए हों। सच तो यह है कि साहित्यिक रचनाओं के साथ आधुनिक रेखांकनों के प्रकाशन की परंपरा भाऊ समर्थ ने ही शुरू की जिससे साहित्य और चित्रकला में एक गहरा रचनात्मक संबंध विकसित हुआ। उनके चित्रांकन की एक अलग शैली थी और लोग देखते ही उनकी कलम और छाप को पहचान जाते थे। उनका स्वभाव भी इतना सहज-सरल था कि रेखांकन या चित्रों के लिए कहीं से भी अनुरोध आने पर तुरंत अपना काम भेज देते थे। आश्चर्य नहीं कि इसी कारण वे देश में सबसे अधिक रेखांकन करने वाले कलाकार बने। लेकिन भाऊ समर्थ निरे चित्रकार नहीं थे। वे एक संपूर्ण सांस्कृतिक-साहित्यिक व्यक्तित्व थे जिनकी प्रगतिशील चेतना और प्रतिबद्धता तथा संघर्ष में जुटे लोगों से एकजुटता आजीवन बरकरार रही। कहानियाँ लिखने के अलावा उन्होंने हमारे समय में कला के सवालों और समाज से उसके संबंधों पर भी बहुत सार्थक चिंतन किया। ‘चित्रकला और समाज’ शीर्षक यह पुस्तक उसी चिंतन का साक्ष्य है जो लंबे समय से उपलब्ध नहीं थी। इस पुस्तक में हम देख सकते हैं कि साहित्य के रचनाकारों और पत्र-पत्रिकाओं के चहेते चित्रकार भाऊ समर्थ समाज में कला की जगह, ज़रूरत और भूमिका के बारे में कितनी स्पष्टता, पारदर्शिता और बुनियादी ढंग से विचार करते थे। उनके ये विचार आज और भी प्रासंगिक नज़र आते हैं।
— मंगलेश डबराल


Available on Amazon Kindle
Kindle E-Book Also Available

In stock

SKU: chitrakala-aur-samaj-by-bhau-samarth-HB Category:

Description

About the Author:

भाऊ समर्थ के चित्रों की पहचान के लिए कुछ भी कहना बेमानी होगा क्योंकि चित्रकला के मर्मज्ञों और रसिकों से लेकर सामान्यजन तक भाऊ के चित्रों की पहुँच है। वे न केवल मौलिक प्रतिभा के चित्रकार हैं वरन् सामाजिक रूप से प्रतिबद्ध कलाकार-लेखकवक्ता और आंदोलनकारी भी हैं, इसके साथ ही सहज आत्मीयता से भरे इनसान भी। चित्रकार, कला समीक्षक, संपादक और कहानीकार के रूप में प्रसिद्ध। देश में विभिन्न आंदोलनों में सक्रिय। सन् 1942 के आंदोलन में भाग लेने के बाद शोषित-पीड़ित जनसामान्य के लिए संघर्ष। चित्रों की कई एकल प्रदर्शनियाँ हुईं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कला और साहित्य से संबंधित अनेक लेख प्रकाशित। मराठी, हिंदी, गुजराती और अंग्रेजी में लेख अनूदित।

Additional information

ISBN

9789389830262

Author

Bhau Samarth

Binding

Hardcover

Pages

136

Publisher

Setu Prakashan Samuh

Imprint

Setu Prakashan

Language

Hindi

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Chitrakala Aur Samaj By Bhau Samarth”

You may also like…

0
YOUR CART
  • No products in the cart.