Gumshuda Dair ki gunjati Ghantiyan – Sheen kaaf Nizam

170.00

Gumshuda Dair ki gunjati Ghantiyan – Sheen kaaf Nizam
गुमशुदा दैर की गूंजती घंटियाँ – शीन काफ़ निज़ाम

गुमशुदा दैर की गूंजती घंटियाँ उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार शीन काफ़ निज़ाम द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2010 में उर्दू भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

Out of stock

SKU: gumshuda-dair-ki-gunjati-ghantiyan-sheen-kaaf-nizam Category:

Description

About the Author:

26 नवम्बर, 1945 को जोधपुर में पैदा हुए शीन काफ़ निजाम ने शाइरी के साथ-साथ आलोचना, शोध और सम्पादन में भी उल्लेखनीय कार्य किया है। जिसके लिए उन्हें साहित्य अकादेमी पुरस्कार, राष्ट्रीय इक़बाल सम्मान, भारतीय भाषा संस्थान द्वारा भाषा-भारती सम्मान, बेगम अख़्तर ग़जल सम्मान तथा राजस्थान उर्दू अकादेमी का सर्वोच्च ‘महमूद शीरानी सम्मान’ से सम्मानित किया गया है। आपकी शाइरी के प्रकाशित संग्रहों में ‘दश्त में दरिया’, ‘साया कोई लम्बा न था’,’सायों के साये में’, ‘रास्ता ये कहीं नहीं जाता’ और ‘गुमशुदा दैर की गूंजती घण्टियाँ’ देवनागरी में, तथा ‘नाद’, ‘बयाजे खो गयी है’ और ‘गुमशुदा दैर की गूंजती घण्टियाँ उर्दू में उल्लेखनीय हैं। ‘लफ़्ज़ दर लफ़्ज़’ और ‘मानी दर मानी’ आलोचनात्मक और विवेचनात्मक पुस्तकों के अलावा ‘ग़ालिबियत और गुप्ता रिजा’ (माहिरेगालिबियात स्व. अल्लामा कालीदास गुप्ता ‘रिजा’) और ‘भीड़ में अकेला’ (स्व. मयूर सईदी पर केन्द्रित) के सम्पादन के साथ उर्दू की साहित्यिक पत्रिकाओं का भी सम्पादन किया है। नन्दकिशोर आचार्य के साथ उर्दू कवियों का संचयन और सम्पादन के साथ-साथ हिन्दी तथा राजस्थानी का उर्दू एवं उर्दू साहित्य का हिन्दी में अनुवाद और लिप्यन्तरण भी किया है।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Gumshuda Dair ki gunjati Ghantiyan – Sheen kaaf Nizam”

You may also like…

0
YOUR CART
  • No products in the cart.