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Khoye Hue Logon Ka Shahar By Ashok Bhaumik

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‘खोये हुए लोगों का शहर’ विख्यात चित्रकार और लेखक अशोक भौमिक की नयी किताब है। गंगा और यमुना के संगम वाले शहर यानी इलाहाबाद (अब प्रयागराज) की पहचान दशकों से बुद्धिजीवियों और लेखकों के शहर की रही है। इस पुस्तक के लेखक ने यहाँ बरसों उस दौर में बिताये जिसे सांस्कृतिक दृष्टि से वहाँ का समृद्ध दौर कहा जा सकता है। यह किताब उन्हीं दिनों का एक स्मृति आख्यान है। स्वाभाविक ही इन संस्मरणों में इलाहाबाद में रचे-बसे और इलाहाबाद से उभरे कई जाने-माने रचनाकारों और कलाकारों को लेकर उस समय की यादें समायी हुई हैं, पर अपने स्वभाव या चरित्र के किसी या कई उजले पहलुओं के कारण कुछ अज्ञात या अल्पज्ञात व्यक्ति भी उतने ही लगाव से चित्रित हुए हैं। इस तरह पुस्तक से वह इलाहाबाद सामने आता है जो बरसों पहले छूट जाने के बाद भी लेखक के मन में बसा रहा है। कह सकते हैं कि जिस तरह हम एक शहर या गाँव में रहते हैं उसी तरह वह शहर या गाँव भी हमारे भीतर रहता है। और अगर वह शहर इलाहाबाद जैसा हो, जो बौद्धिक दृष्टि से काफी उर्वर तथा शिक्षा, साहित्य, संस्कृति में बेमिसाल उपलब्धियाँ अर्जित करने वाला रहा है, तो उसकी छाप स्मृति-पटल से कैसे मिट सकती है? लेकिन इन संस्मरणों की खूबी सिर्फ यह नहीं है कि भुलाए न बने, बल्कि इन्हें आख्यान की तरह रचे जाने में भी है। अशोक भौमिक के इन संस्मरणों को पढ़ना एक विरल आस्वाद है।

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Description

Khoye Hue Logon Ka Shahar By Ashok Bhaumik

‘खोये हुए लोगों का शहर’ – अशोक भौमिक

Additional information

Author

Ashok Bhaumik

Language

Hindi

ISBN

9788119899562

Binding

Paperback

Pages

168

Publication date

10-02-2024

Publisher

Setu Prakashan Samuh

1 review for Khoye Hue Logon Ka Shahar By Ashok Bhaumik

  1. Adrika Sharma

    “खोये हुए लोगों का शहर” एक अद्वितीय यात्रा है जो हमें इलाहाबाद के संगम के प्रख्यात शहर की विशेषता और महत्व के बारे में जानकारी प्रदान करती है। इस किताब में अशोक भौमिक जी ने उस समय के सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि को समझने का अद्वितीय अवसर प्रदान किया है जब इलाहाबाद अपने उच्चाधिकारियों, लेखकों, और बुद्धिजीवियों के शहर के रूप में शोभा पाता था।

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