Description
सैयद हैदर रज़ा जैसे आधुनिक मूर्धन्य के बारे में, उनके जीवन और कला संघर्ष के बारे में जानने की जिज्ञासा बहुतों को होती रही है। कला-विदुषी यशोधरा डालमिया ने यह सुशोभित जीवनी लिखी है और उसका यह हिन्दी अनुवाद, आलोचक और कला-प्रेमी, मदन सोनी ने किया है। यह मात्र जीवनी नहीं है बल्कि रज़ा साहब की कला यात्रा का कलालोचक की दृष्टि से विवेचन भी है।
About Author
यशोधरा डालमिया
यशोधरा डालमिया कला-इतिहासकार हैं और स्वतन्त्र रूप से कला-प्रदर्शनियों का संयोजन करती हैं। वे दिल्ली में रहती हैं। उन्होंने समकालीन भारतीय कला पर अनेक निबन्धों और समीक्षाओं आदि का लेखन किया है। उनकी लिखी पुस्तकों में अमृता शेर-गिल : अ लाइफ द मेकिंय ऑफ मॉडर्न इण्डियन आर्ट : द प्रोग्रेसिव्स, जर्नी : फॉर जनरेशन्स ऑफ इण्डियन आर्टिस्ट्स, बुद्ध टु कृष्ण, और लाइफ़ एण्ड टाइम्स ऑफ जॉर्ज कीट शामिल हैं। उन्होंने कई कला-प्रदर्शनियों को संयोजित (क्यूरेट) किया है जिनमें मुम्बई की नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉर्डर्न आर्ट की शुभारम्भ प्रदर्शनी द मॉडर्नस और २०१४ में अमृता शेर-गिल की जन्मशती के अवसर पर नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट नयी दिल्ली, मुम्बई और बेंगलुरु में आयोजित प्रदर्शनी अमृता शेर-गिल : द पैशनिट क्वेस्ट प्रमुख रूप से शामिल हैं।
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